पटना: Nitish Kumar Meet Lalu Yadav: बिहार के सीएम बेंगलुरु से वापस आने के बाद आज मलमास मेले के उद्घाटन के लिए राजगीर पहुंचे और वहां पहले उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि वह क्यों वहां विपक्षी बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस का हिस्सा नहीं बने. इसके बाद वह वहां से पटना पहुंचे तो यहां मीडिया के सामने एनडीए, भाजपा और अपने पुराने सहयोगी जो उनका साथ छोड़ गए हैं उनपर मीडिया के सामने जमकर बरसे. इसके बाद नीतीश कुमार बुधवार शाम आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मिलने पहुंच गए. सियासत के जानकार इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पा रहे हैं कि आखिर बिहार में चल क्या रहा है?  


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मलमास मेले उद्घाटन के लिए राजगीर गए नीतीश कुमार, बुधवार शाम पटना लौटने के कुछ देर बाद ही अचानक लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंच गए. यहां लगभग बीस मिनट रहे नीतीश कुमार ने लालू यादव से मुलाकात की. नीतीश कुमार से लालू के मिलने के बाद राज्य में नई अटकलबाजियां शुरू हो गई हैं. दरअसल, बिहार के राजनीतिक हालात मंगलवार को बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद ही बदले-बदले से हैं. क्योंकि चर्चा यह है कि बेंगलुरु की बैठक से नीतीश और लालू दोनों खुश नहीं हैं. अब दोनों की पटना में मुलाकात कई नए कयासों को जन्म दे रही है. हालांकि कहा जा रहा है कि बिहार कैबिनेट विस्तार पर दोनों में बात हुई है.


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विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस से नाराज नीतीश कुमार ने वैसे तो भाजपा के खिलाफ भड़ास निकालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. लेकिन, कांग्रेस के रवैए को लेकर नीतीश कुमार टालने के अंदाज में ही रहे. अब लालू और नीतीश कुमार की मुलाकात पर संभावना यह बन रही है कि गठबंधन में अगर कांग्रेस मनमानी करेगी, तो उससे कैसे निपटा जाय. अहम सवाल यह भी कि नीतीश नाराज हैं तो लालू और तेजस्वी किसका साथ देंगे. बिहार की राजनीति के जानकार बताते हैं कि लालू और तेजस्वी मौजूदा परिस्थितियों में नीतीश कुमार का ही साथ देंगे. 


इसकी कई वजह है. नीतीश कुमार बिहार की राजनीति छोड़ दिल्ली की राजनीति में आगे बढ़ते हैं तो तेजस्वी यादव के सीएम बनने का रास्ता साफ होगा. लेकिन, कांग्रेस ने नीतीश कुमार को दिल्ली के लिए कन्फर्म टिकट नहीं दिया है. ऐसे में नीतीश कुमार को भी नाराज कर लालू-तेजस्वी अभी बिहार की सत्ता नहीं छोड़ना चाहेंगे. लालू-तेजस्वी की पार्टी आरजेडी के लिए पिछला लोकसभा चुनाव बुरे सपने से कम नहीं था. सालों तक बिहार की सत्ता संभालने वाले आरजेडी का कोई उम्मीदवार 2019 के लोकसभा चुनाव में नहीं जीता. अभी समीकरण गड़बड़ हुए तो फिर वही स्थिति न आ जाए, इसलिए भी अभी लालू-तेजस्वी के लिए नीतीश का साथ देना मजबूरी है.


RAJESH KUMAR