KCR Big Blow To Opposition Unity: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष एकजुट हो रहा है. अबकी बार पीएम मोदी को हराने के लिए विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम UPA से बदलकर I.N.D.I.A. कर लिया है. विपक्षी एकता को अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री और BRS पार्टी के अध्यक्ष केसीआर ने बड़ा झटका दिया है. तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने साफ कहा कि उनकी पार्टी न तो एनडीए के साथ है और न ही विपक्षी एलायंस के साथ चुनाव लड़ेगी. मंगलवार (01 अगस्त) को महाराष्ट्र पहुंचे केसीआर ने पत्रकारों से बातचीत में तीसरा मोर्चा बनाने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि हम उनमें से किसी के भी साथ नहीं हैं. हम अकेले नहीं हैं, हमारे कई दोस्त हैं.


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केसीआर ने कहा कि लोगों ने NDA और UPA को देखा है. UPA को बदलकर I.N.D.I.A. कर दिया गया, लेकिन इसमें नया क्या है? विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर निशाना साधते हुए केसीआर ने कहा कि उन्होंने 50 साल तक शासन किया लेकिन कुछ नहीं बदला. NDA ने भी कोई बदलाव नहीं किया. अब बदलाव की जरूरत है. उन्‍होंने मीडिया से भी देश में बदलाव लाने में योगदान देने की अपील की. केसीआर ने कहा कि बीआरएस महाराष्ट्र में विभिन्न स्तरों पर समितियों का गठन करेगा और उन्होंने महाराष्ट्र में काम शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में बीआरएस के 14.10 लाख पदाधिकारी हैं.


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महाराष्ट्र में अपनी पार्टी के विस्तार की जानकारी देते हुए केसीआर ने कहा कि पार्टी ने महाराष्ट्र में 50 फीसदी काम पूरा कर लिया है. अगले 15 से 20 दिनों में हर गांव में काम पूरा हो जाएगा. महाराष्ट्र सरकार पर हमला करते हुए तेलंगाना के सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र के पास सभी संसाधन हैं. धन-संपदा की कोई कमी नहीं है और रोजगार के भरपूर अवसर हैं. इसके बाद भी औरंगाबाद जैसा शहर पानी की कमी से जूझ रहा है. उन्होंने सवाल किया कि दलित समाज कब तक परेशान रहेगा? महाराष्ट्र में दलितों को उचित स्थान नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देश ने बराक ओबामा को राष्ट्रपति बनाने के लिए भेदभाव को किनारे रख दिया, ऐसा करके अमेरिका ने अपने पाप धो लिए. 


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इस दौरान केसीआर ने महाराष्ट्र के दिवंगत कवि अन्नाभाऊ साठे को भारत रत्न दिए जाने की मांग की. केसीआर ने उनके साहित्य का राष्ट्रीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि कहा कि अन्नाभाऊ साठे के काम सार्वभौमिक हैं. रूस ने साहित्य के लिए साठे की सेवाओं को पहले ही मान्यता दे दी है, लेकिन भारत ने मान्यता नहीं दी है. केंद्र की लगातार सरकारें अन्नाभाऊ साठे का सम्मान करने में विफल रहीं, जो एक दलित परिवार में पैदा हुए थे और मातंग समुदाय के एक लोकप्रिय व्यक्ति थे. साठे का लेखन, साहित्य और दलितों के लिए उनका संघर्ष सराहनीय है. केसीआर ने कहा कि एक कम्युनिस्ट और अंबेडकरवादी के रूप में साठे ने जीवन भर समतावादी समाज की स्थापना के लिए लगातार काम किया.


बता दें कि विशेष विमान से कोल्हापुर पहुंचने के बाद उन्होंने महालक्ष्मी माता अंबाबाई मंदिर में दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. केसीआर ने बाद में वाटेगांव का दौरा किया और प्रख्यात कवि और लेखक अन्नाभाऊ साठे की 103वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में भाग लिया. उन्होंने कोल्हापुर में छत्रपति साहू महाराज स्मारक का भी दौरा किया.