पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस को आखिरकार राजधानी पटना स्थित सरकारी बंगला खाली करना पड़ गया. इसी बंगले में उनके पार्टी का दफ्तर भी था. इसी के साथ अब पटना में उनका कोई ठिकाना नहीं बचा. पशुपति पारस के बंगला को खाली करने का काम सोमवार से शुरू हो गया है. फिलहाल उनके सारे सामान को घर से बाहर निकाला जा रहा है. इस सामान में ऑफिस में लगे एस्बेस्टस की छत भी उखाड़ कर ले गए. बता दें कि बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने पशुपति पारस को पटना स्थित उनके कार्यालय को खाली करने का नोटिस दिया था. हालांकि पटना हाईकोर्ट ने पशुपति पारस की याचिका पर सुनवाई करते हुए 13 नवंबर तक बलपूर्वक बंगला खाली कराने पर रोक लगा दी थी.


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बता दें कि इस बंगले को बचाने के लिए पशुपति पारस दिल्ली जाकर अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं. पटना हाईकोर्ट में इसको लेकर रिट भी दायर की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बता दें कि बिहार सरकार द्वारा सभी मान्यता प्राप्त दलों को उनके ऑफिस के लिए सरकारी बंगला अलॉट किया जाता है. जिसके तहत लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस के लिए 2005 में ही पटना एयरपोर्ट के पास व्हीलर रोड के एक नंबर बंगले को राज्य सरकार की ओर से अलॉट किया गया था.


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किसी भी दल को दो साल के लिए बंगले का अलॉटमेंट किया जाता है. हर दो साल के बाद सरकार अलॉटमेंट को और दो साल के लिए बढ़ा देती है. वहीं पशुपति पारस की पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में किसी सीट पर चुनाव ही नहीं लड़ा था. जिसके चलते उनकी पार्टी के पास फिलहाल ना तो कोई विधायक है और ना ही कोई सांसद. लिहाजा, उनकी पार्टी की मान्यता अब खत्म हो गई है. इसके बाद बिहार सरकार ने 13 जून 2024 को लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर आवंटित बंगले का अलॉटमेंट रद्द कर दिया था. जिसके बाद भवन निर्माण विभाग ने पशुपति पारस के बंगले को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया था.


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