Patna News: पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. जानकारी के मुताबिक, फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया है. परिवार कल्याण मंत्रालय की तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी जांच में डॉ. गोपाल कृष्ण पाल को अपने अधिकार और पद के दुरुपयोग का दोषी पाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें तुरंत आधिकारिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉ. पाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्हें 7 अक्टूबर को नोटिस भेजा गया था और तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था. साथ ही उनसे पूछा गया कि उनके खिलाफ क्यों नहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए?


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बता दें कि AIIMS पटना के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल के बेटे डॉक्टर ऑरोप्रकाश पाल ने AIIMS गोरखपुर में MD की सीट OBC कोटे से हासिल की थी, लेकिन अब उनके OBC नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट पर सवाल उठे हैं. जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. इस समिति ने डॉ. पाल को दोषी ठहराया है. वहीं डॉ. पाल ने 10 अक्टूबर को शोकॉज के जवाब में जांच रिपोर्ट में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया था.


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हालांकि, जब मीडिया ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जांच समिति की रिपोर्ट, जो गोपनीय है, मीडिया को उपलब्ध करा दी गई है. ये वाकई परेशान करने वाला है. मैंने तय समय के भीतर अपना जवाब मंत्रालय को सौंप दिया है. उन्होंने इससे ज्यादा कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. डॉ पाल ने कहा कि  मैं कुछ भी नहीं कह पाऊंगा. क्योंकि मामला विचाराधीन है और मंत्रालय को मेरा जवाब गोपनीय है.


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