Bihar Politics: बिहार में सियासत कब कौन सा मोड ले ले वह वहां के नेता भी नहीं बता सकते. पार्टियां यहां कभी गठबंधन का हिस्सा बनती हैं तो फिर दूसरे ही क्षण गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दूसरे गठबंधन में शामिल हो जाती हैं. कभी महागठबंधन के सबसे मजबूत साझेदार रहे हम के संयोजक जीतन राम मांझी ने महागठबंधन का दामन छोड़ा तो उन्होंने NDA में शामिल होने की बात पर मुहर लगा दी. अब जब जीतन राम मांझी NDA का हिस्सा बने तो उन्होंने कयासों के आधार पर ऐसा दावा कर दिया कि जल्द ही नीतीश कुमार और उनकी पार्टी भी NDA में शामिल हो सकती है. जैसा कि पहले से कयास लगाए जा रहे हैं. जिसके बाद से बवाल बढ़ गया. बिहार में उनके सियासी बयान ने भूचाल ला दिया. हालांकि इस तरह के दावे बिहार की राजनीति को लेकर रोज हो रहे हैं लेकिन इसकी हकीकत क्या है यह पता नहीं है क्योंकि जदयू और राजद के नेता लगातार महागठबंधन में किसी तरह की भी दरार से इंकार करते रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


एक तरफ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी सियासी दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं इस तरह के सियासी बयान बिहार की सियासत में हलचल पैदा करने के लिए काफी हैं. बता दें कि बिहार में जिस तरह के हालात बन रहे हैं उसके बाद से ही कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच अब दूरियां बढ़ रही हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा कि नीतीश कुमार क्या एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं. 


ये भी पढ़ें- शिवहर से ताल ठोक सकती हैं लवली आनंद, जेल से निकलने के बाद आनंद मोहन के निशाने पर BJP


राजगीर में 18 जुलाई से शुरू होकर एक महीने तक चलनेवाले मलमास मेले की तैयारी का दूसरी बार जायजा लेने शनिवार को नीतीश कुमार राजगीर पहुंचे थे. बता दें कि इस मेले का आयोजन पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया जाता है जिस मंत्रालय का प्रभार तेजस्वी यादव के पास है. लेकिन, मेले में जो भी बैनर-पोस्टर लगे थे उसमें नीतीश कुमार तो दिख रहे थे लेकिन तेजस्वी यादव इससे गायब थे. ऐसे में कयास तेज हो गए कि क्या बिहार में महागठबंधन में सब ठीक चल रहा है? 


मांझी इन दिनों दिल्ली में हैं और यहां मीडिया के सामने उन्होंने नीतीश का राजद के साथ गठबंधन को बेमेल बता दिया और कहा कि राज्य के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश का पाला बदलना आम बात है. उन्होंने कहा कि बस ध्यान रखने की जरूरत है कि वह कब ऐसा करते हैं. उन्होंने कहा कि जेडीयू और राजद का वैचारिक स्तर भी अलग-अलग है और दोनों की स्वीकार्यता में भी धरती आसमान का अंतर है. ऐसे में इस गठबंधन का ज्यादा दिन तक बना रहना प्रदेश के हित में नहीं है. उन्होंने नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल होने का न्यौता भी दे दिया और कहा कि ऐसा होगा तो अच्छा रहेगा. अब ऐसे में बिहार में जिस तरह का सियासी उथल पुथल जारी है ऐसे में मांझी के बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता है.