पटना : वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सूरत की अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई हालांकि अदालत की तरफ से उन्हें तुरंत जमानत देते हुए 30 दिन के अंदर इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए कह दिया. इस सब के बीच आज राहुल गांधी की संसद सदस्यता को लोकसभा सचिवालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर खारिज कर दिया गया. अब राहुल गांधी 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. राहुल गांधी के खिलाफ हुई इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद से बिहार के बयान वीर नेताओं में भी हड़कंप मच गया है. 


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बता दें कि बिहार के भी कई नेता हाल के दिनों में जमकर अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहे हैं ऐसे में उनको भी लगने लगा है कि उनके खिलाफ भी अगर मामला दर्ज हुआ तो क्या होगा. वैसे राजनीति में आजकल यह आम हो गया है कि एक नेता दूसरे के खिलाफ अनाप-शानप बोलने, अनर्गल बयानबाजी और अशोभनीय टिप्पणियों-संबोधनों से घबराते नहीं हैं. नेताओं की तो यह हालत हो गई है कि सेना हो देश हो या कोई धर्म सबके खिलाफ अनाप-शनाप बोलने के साथ अशोभनीय और वाहियात टिप्पणी करने से वह नहीं कतराते हैं. 


बता दें कि 'मोदी सरनेम' को लेकर दिए बयान पर राहुल के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है. लेकिन राहुल देश की सेना के खिलाफ पुलवामा हमले के बाद अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहे हैं. वहीं वीर सावरकर के खिलाफ भी राहुल गांधी ने अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया था.  राहुल के सुर में पुलवामा हमले के खिलाफ बयानबाजी के मामले में दिग्विजय सिंह भी सुर में सुर मिलाते नजर आए थे.  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी इसी तरह सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना और सरकार से सबूत मांग रहे थे. 


बिहार के एक मंत्री सुरेंद्र यादव तो इन सबसे भी एक कदम आगे निकल गए थे और उन्होंने कहा था कि सेना पर हमले चुनाव के समय भाजपा स्वयं कराती है.राहुल गांधी तो हिंदू और हिंदुत्व को अलग-अलग बताने से भी नहीं थके थे और बार-बार कहते रहे कि भाजपा और संघ (RSS) वाले नफरत फैलाते हैं. बंगाल के एक नेता हन्नान मोल्ला ने तो संघ की तुलना तालिबान से कर दी थी और कहा था कि संघ तालिबान जैसा ही काम करता है. बिहार के नेता को सवर्णों को अंग्रेज का दलाल कहने से भी नहीं चुकते हैं. 


हिन्दू देवी-देवताओं, धर्मग्रंथ पर अशोभनीय टिप्पणी करनेवाले नेताओं की तो बाढ़ आ गई है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हों या फिर यूपी के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या हों दोनों ने रामचरित मानस को लेकर अभद्र टिप्पणी की. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का नाम भी इन बयान वीरों में हैं जो लगातार हिंदू धर्म ग्रंथों और ब्राह्मणों के खिलाफ अनाप-शनाप बकते रहते हैं. बिहार सरकार के एक मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि गुजरात के लोग सेनाम में भर्ती नहीं होते उनका निशाना सीधे पीएम मोदी पर था वहीं वह यह भी कह चुके हैं कि चाय बेचनेवाला अब देश बेचने वाला है.  इसी बयान के साथ उन्होंने कई और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था.  


 सलमान खुर्शीद तो हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोकोहराम से कर चुके हैं. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने जयश्री राम का नारा लगाने वाले को निशाचर कहा था. अब ऐसे में राहुल को मिली सजा के बाद क्या इन बयान वीर नेताओं के आचरण में सुधार आएगा या फिर यह क्रम अभी भी जारी रहेगा यह तो आनेवाला वक्त बताएगा. 


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