Ramgarh By Election Results 2023: झारखंड के रामगढ़ उपचुनाव की काउंटिंग चल रही है. शुरुआती रुझान में एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी को बढ़त हासिल है. रामगढ़ के 40 साल के इतिहास पर नजर डालें तो बिहार विभाजन के पहले इस सीट से कांग्रेस, बीजेपी और सीपीआई प्रत्याशियों की समय समय पर जीत होती रही. झारखंड के गठन के बाद भी एक बार बीजेपी जीती लेकिन उसके बाद से यहां से लगातार आजसू ने अपना दबदबा बरकरार रखा. 2019 में आजसू के हाथ से भी यह सीट छिन गई और कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की. देखते हैं उपचुनाव में यह सीट किस पार्टी के हाथ जाती है.


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पहले उपचुनाव में बाबूलाल मरांडी ने हासिल की थी जीत 


झारखंड का गठन 2000 में हुआ था और 2001 में हुए पहले उपचुनाव में बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज की थी. दरअसल, बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे लेकिन वे संसद के सदस्य थे और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनके लिए विधायक बनना ज्यादा जरूरी था. लिहाजा 2001 में इस सीट पर उपचुनाव कराए गए और बाबूलाल मरांडी ने यहां से जीत हासिल की थी. 


शब्बीर अहमद के निधन के बाद खाली हुई थी सीट 


राज्य के गठन के बाद यह पहला उपचुनाव था और तत्कालीन मुख्यमंत्री यहां से जीते थे. उससे पहले वे दुमका लोकसभा सीट से सांसद थे. 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में यह सीट सीपीआई के खाते में गई थी. सीपीआई की ओर से शब्बीर अहमद कुरैसी ने यहां से जीत दर्ज की थी. उनका निधन होने के बाद 2001 में रामगढ़ में उपचुनाव कराया गया था.


2005 से 2019 तक आजूस के कब्जे में रही सीट 


2005 में आजसू ने यह सीट जीत ली और 2014 तक सीट उसी के पास रही. आजसू नेता चंद्रप्रकाश चौधरी यहां से जीतते रहे. 2019 में वे गिरिडीह से सांसद चुने गए तो इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया था. कांग्रेस की ओर से ममता देवी ने यहां से जीत दर्ज की थी, लेकिन एक आपराधिक मामले में सजा होने के चलते ममता देवी की विधायकी चली गई और यह सीट फिर खाली हो गई. इस तरह देखा जाए तो हर उपचुनाव में यह सीट विरोधी खेमे के पास चली जाती है. देखना है इस बार रामगढ़ की जनता किसे अपना विधायक चुनती है.