Ratnesh Sada Profile: विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. संतोष मांझी मुताबिक, सीएम नीतीश कुमार उन पर पार्टी विलय करने का दबाव बना रहे थे. संतोष ने कहा कि उनके लिए सत्ता से जरूरी सम्मान है. वहीं बीजेपी ने तो सीएम नीतीश पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा दिया. बीजेपी की ओर से ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि महागठबंधन के पास जीतन राम मांझी के रूप में इकलौता दलित नेता था. नीतीश कुमार इस बात को भली-भांति समझते हैं. उन्होंने तुरंत अपने आवास पर महागठबंधन के नेताओं की बैठक बुलाई, जिसमें डैमेज को कंट्रोल करने पर चर्चा हुई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



नीतीश को ऐसे वक्त में सोनबरसा सीट से विधायक रत्नेश सदा की याद आई. दरअसल, मांझी की तरह रत्नेश सदा भी मुसहर समाज से आते हैं. महागठबंधन के नेताओं से रायशुमारी हुई और रत्नेश सदा को फोन घुमाया गया. उन्हें तत्काल पटना पहुंचने को कहा गया है. वह संतोष मांझी की जगह मंत्री बनेंगे. ये काम अभी हो जाता लेकिन अभी राज्यपाल पटना में नहीं है. उनके लौटते ही रत्नेश को मंत्री बनाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, सीएम नीतीश कुमार 16 जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. इसमें रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. रत्नेश सदा के अलावा दो और विधायक मंत्री बन सकते हैं, हालांकि अभी तक उनके नाम सामने नहीं आए हैं. 


ये भी पढ़ें- संतोष मांझी के इस्तीफे से नीतीश की बढ़ी मुश्किलें, कांग्रेस के आए अच्छे दिन!


कौन हैं रत्नेश सदा?

रत्नेश सदा का नाम मुसहर समाज के बड़े नेताओं में शुमार किया जाता है. वे धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य भी हैं. संस्कृत से ऑनर्स रत्नेश सदा बिहार विधानसभा में जनता दल यूनाइटेड के सचेतक भी हैं. हालांकि, पंचायत चुनाव में अपने बेटे को मुखिया तक नहीं बनवा पाए थे. पंचायत चुनाव में बेटे को जिताने के लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. खुद 15 दिनों तक गांव में डेरा डालकर रखा था. लोगों के घर-घर जाकर वोट मांगे थे, लेकिन जब रिजल्ट आया तो उनका बेटा तीसरे नंबर आया था. इससे पहले उनकी पत्नी भी पंचायत चुनाव हार चुकी हैं. 


ये भी पढ़ें- नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाह रहे थे, संतोष मांझी ने बताई इस्तीफे की वजह


रत्नेश सदा ने मोर्चा संभाला


मुख्यमंत्री से आदेश मिलते ही रत्नेश सदा ने मोर्चा संभाल लिया है और जीतन राम मांझी पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी ने मुसहर समाज को कलंकित करने का काम किया है. रत्नेश ने कहा कि मांझी ने कभी अपने समाज के लोगों के लिए काम नहीं किया. वो सिर्फ अपने परिवार का लाभ चाहते हैं. उन्होंने कहा जीतन राम मांझी ने पूरे मुसहर समाज की कसम खाकर कहा था कि वह नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ेंगे. लेकिन आज समाज की तरफ से खाई हुई कसम को जीतन राम मांझी ने तोड़ दिया, जिससे मुसहर समाज कलंकित हुआ है.