जीतनराम मांझी की मजबूती पर चोट करेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, इनको चुना संतोष सुमन का उत्तराधिकारी
Bihar News: सहरसा के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र से चुने गए रत्नेश सदा तीन बार से विधायक हैं. वे मुसहर समाज से आते हैं. रत्नेश सदा का नाम मुसहर समाज के बड़े नेताओं में शुमार किया जाता है. वे धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य भी हैं.
पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन (Santosh Suman) के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार की राजनीति में ये चर्चा तेज हो गई है कि उनका विभाग कौन संभालेगा. माना जा रहा है कि जेडीयू विधायक रत्नेश सदा (Ratnesh Sada) संतोष सुमन की ओर से खाली किए गए विभाग को संभाल सकते हैं और उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बारे में महागठबंधन में रायशुमारी का दौर भी शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने रत्नेश सदा को सीएम आवास बुलाया, जहां पर संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद से हाई लेवल मीटिंग हो रही है.
सहरसा के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र से चुने गए रत्नेश सदा तीन बार से विधायक हैं. वे मुसहर समाज से आते हैं. रत्नेश सदा का नाम मुसहर समाज के बड़े नेताओं में शुमार किया जाता है. वे धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य भी हैं. संस्कृत से ऑनर्स रत्नेश सदा बिहार विधानसभा में जनता दल यूनाइटेड के सचेतक भी हैं.
बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी जिस समाज से आते हैं, उस समाज के अंदर नीतीश कुमार मैसेज देना चाहते थे. 2024 और 2025 के चुनाव के ठीक पहले नीतीश कुमार किसी भी तरीके से वोटों के बंटवारा नहीं चाहते हैं. बता दें कि जीतनराम मांझी भी मुसहर समाज से ताल्लुक रखते हैं और उसी जाति से दूसरे नेता को खड़ा कर नीतीश कुमार मुसहरों में अपनी पैठ बनाना चाहते हैं. इसी तरह का प्रयोग उन्होंने उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर किया था और उसके बाद उपेंद्र कुशवाहा साइडलाइन कर दिए गए थे.
नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार का फैसला आनन-फानन में लिया है. नीतीश कुमार की नजर में रत्नेश सदा संतोष सुमन के सबसे मजबूत दावेदार उभरकर सामने आए. उसके बाद जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से बातचीत की गई और फिर जेडीयू ने रत्नेश सदा को मंत्री बनाने पर मुहर लगा दी. इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल से भी राय-मशविरा किया गया है.
रिपोर्ट- शिवम