RCP Singh आज BJP में हो सकते हैं शामिल, JDU से इस्तीफा के बाद नीतीश के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा
जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद से ही आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अब वह बीजेपी के खेमे में खड़े होकर नीतीश के सभी तीरों का जवाब देते नजर आएंगे.
RCP Singh Will Be Join BJP: 'मिशन 2024' के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में जुटे हैं, वहीं बिहार में ही उनके पुराने साथी बीजेपी से गलबहियां करते नजर आ रहे हैं. कभी नीतीश कुमार के सिपहसलार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह आज यानी गुरुवार (11 मई) को बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं. जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद से ही आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. अब वह बीजेपी के खेमे में खड़े होकर नीतीश के सभी तीरों का जवाब देते नजर आएंगे.
उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा के साथ कहा था कि जेडीयू में कुछ नहीं बचा है. वो अब डूबता हुआ जहाज है. हमसे चिढ़ है, तो हमसे निपटो, हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं. जेडीयू से इस्तीफे के बाद उन्होंने कोई पार्टी जॉइन नहीं की थी लेकिन चर्चा थी कि वह बहुत जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. चर्चा यह भी हुई थी कि बीजेपी ने उन्हें नालंदा में शामिल होने का न्योता भी दिया गया था लेकिन उस समय उन्होंने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया था कि वह सही समय पर सही निर्णय लेंगे. अब आज इस पर आधिकारिक रूप से मुहर लग सकती है.
मोदी से नजदीकी पड़ी भारी
आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. राजनीति में उन्हें नीतीश कुमार ही लेकर आए थे. एक वक्त था जब आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का दायां हाथ कहा जाता था. नीतीश के भरोसेमंद होने के कारण वह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद नीतीश को उन पर पहले जैसा विश्वास नहीं रहा, जिसके कारण उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया. नतीजतन उन्हें मोदी कैबिनेट से भी बाहर होना पड़ा. जिसके चलते उन्होंने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था.
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RCP के नाम से भी नीतीश को चिढ़
पिछले साल सितंबर में जब नीतीश कुमार से आरसीपी सिंह को लेकर मीडिया से सवाल पूछा था तो वह आगबबूला हो गए थे. तब उन्होंने कहा था कि क्या घटिया नाम ले रहे हैं, किसकी हैसियत क्या है, ये भी तो देखिए, आगे से अब उनका नाम मेरे सामने ना लें, वो थे क्या एक आइएएस, उन्हें निजी सचिव किसने बनाया, राजनीति में लेकर कौन आया. नीतीश ने कहा था कि मैंने ही उन्हें राजनीति सिखाई, पार्टी में पद दिया और अब वह बीजेपी के साथ मिलकर साजिश कर रहे थे.