Fateh Bahadur Singh Controversial Statement: लालू यादव की पार्टी आरजेडी में हिंदू आस्था को चोट पहुंचाने का फैशन बन चुका है. बीते कुछ महीनों से राजद के नेता लगातार हिंदू धर्म या हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस लिस्ट में अब राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह का नाम भी शामिल हो गया. लालू यादव की पार्टी के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने ब्रह्मा जी और मां सरस्वती को लेकर विवादित टिप्पणी की है. फतेह बहादुर ने ना सिर्फ त्रिदेवों में शामिल ब्रह्माजी को चरित्रहीन बताया, बल्कि मां सरस्वती पर भी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है. 


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फतेह बहादुर सिंह ने मां सरस्वती को विद्या की देवी मानने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि मां सरस्वती को ग्रंथों में ब्रह्मा की पुत्री बताया गया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ब्रह्मा ने अपनी ही पुत्री से शादी रचा कर चरित्रहीनता का परिचय दिया है. आरेजेडी विधायक ने कहा कि पूजा हमेशा चरित्रवान की होनी चाहिए न कि चरित्रहीनों की. राजद विधायक ने विद्यालयों में मां सरस्वती की जगह सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगाने और उनकी पूजा करने की वकालत की. उन्होंने ने भारत सरकार से सावित्री बाई फुले के लिए भारत रत्न की मांग भी कर दी. 


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राजद विधायक ने कहा कि सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका थीं और महिला शिक्षा में उनके द्वारा किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता. इसी क्रम में उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर मनुवादी प्रवृत्ति का होने का आरोप लगाया. फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस पर सवर्णों और मुनवादियों की पकड़ रही है. इसी कारण से सावित्री बाई फुले को भारत रत्न नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गठन करने वाले भी मनुवादी थे और जब बीजेपी का गठन हुआ तो वही मनुवादी लोग बीजेपी में आ गए. मैं ये मानता हूं कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.


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ये कोई पहली बार नहीं है जब फतेह बहादुर सिंह ने ऐसा कमेंट किया है. इससे पहले उन्होंने मां दुर्गा को लेकर भी विवादित कमेंट किया था. इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने रामचरित मानस को पोटेशियम साइनाइड बताया था. उन्होंने कहा था कि जब तक यह रहेगा तब तक वह इसका विरोध करते रहेंगे. मंत्री जी ने रामचरित मानस से जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. इतना सबकुछ बोलने के बाद लालू यादव और तेजस्वी यादव के अलावा नीतीश कुमार ने भी चंद्रशेखर सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की. वह आज भी बिहार के शिक्षा मंत्री पद पर बने हुए हैं.