Bihar Politics: बिहार में राजद और जदयू गठबंधन की सरकार जरूर चल रही हो लेकिन इनके नेताओं के बीच आए दिन किसी ना किसी बात को लेकर सियासी बयानबाजी चलती रहती है. अब ताजा मामला राजद एमएलसी सुनील सिंह को भेजे गए निमंत्रण पत्र को लेकर है. इस मामले में सुनील सिंह का पारा चढ़ा हुआ है.


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बता दें कि पटना के प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि द्वारा सुनील सिंह को स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए आमंत्रण पत्र भेजा गया. जिसमें उन्हें भाजपा का नेता बता दिया गया. दरअसल इस पत्र में उनके नाम से साथ उपमुख्य सचेतक विरोध दल लिखा हुआ था. जबकि सुनील सिंह की पार्टी सरकार में शामिल है. ऐसे में सुनील सिंह ने इसपर घोर आपत्ति जताई.





ऐसे में सुनील सिंह ने इशारों में नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा और ट्वीट कर लिख दिया कि पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि जी,IAS जो राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी वाले नालन्दा जिला के ही मूल निवासी हैं।. उनको मैं तहेदिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस समारोह के आमंत्रण कार्ड पर मुझे सरकार द्वारा निर्गत अधिसूचना के ठीक विपरीत उप मुख्य सचेतक, विरोधी दल का दर्जा दे दिया है। माननीय को न तो माननीय लिखना है और न तो समझना है!यह तो ऊपर से ही साहब जी का आदेश है, अतः इसमें तो कोई खास ग्लानि की बात नहीं है!कि महाविद्वान रवि साहब भली भांति जानते हैं कि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री जी की भृकुटी कतिपय कारणों से मेरे ऊपर हमेशा तनी रहती है अतः उन्होंने अपने प्यारे आका को खुश करने के ख़्याल से मुझे उप मुख्य सचेतक, विरोधी दल का दर्जा दे दिया है!



इसके बाद विभाग की तरफ से भूल सुधार किया गया और इधर तब तक बिहार की राजनीति का पारा चढ़ गया. जदयू के नेता विभाग के बचाव में आ गए और सुनील सिंह के इस बयान को पूर्वाग्रह से ग्रसित बयान बता दिया. विभाग ने इसके बाद सफाई लिखकर कहा कि लिपिकीय भूल के कारण ऐसा हो गया था. संशोधित कर नया कार्ड माननीय सदस्य को उपलब्ध करा दिया गया है.


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