Patna: विपक्षी गठबंधन इंडिया की छह दिसंबर की बैठक से पहले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति तय करने को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं की चर्चा में सीट बंटवारे पर निर्णय का मुद्दा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने उठाया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में आयोजित बैठक में टीएमसी का प्रतिनिधित्व लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं-सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ'ब्रायन ने किया. 


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पता चला है कि बैठक में टीएमसी नेताओं ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा जल्द किया जाना चाहिए ताकि उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके. यह मांग ऐसे वक्त उठाई गई है, जब एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन हिंदी भाषी राज्यों - राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ - में विजयी हुई- जबकि कांग्रेस ने तेलंगाना में जीत हासिल की. 


कोलकाता में, टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के उत्तरी क्षेत्र में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण (इंडियन नेशनल डेवेलपमेंट इन्क्लूसिव एलायंस) इंडिया की बैठक में वह शामिल नहीं हो पाएंगी. ममता बनर्जी ने कहा कि वह बैठक की तारीख से वाकिफ नहीं थीं और संकेत दिया कि अगर उन्हें पहले से सूचित किया गया होता तो उन्होंने अपना यात्रा कार्यक्रम पुनर्निर्धारित किया होता.'


टीएमसी नेता ने यह भी कहा कि भाजपा ने अपने विरोधियों के बीच वोट बंटने के कारण राजस्थान में कांग्रेस से अधिक सीटें जीतीं. उन्होंने कहा, 'एक रणनीति को अंतिम रूप देना होगा. मुझे लगता है कि अगर सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया तो भाजपा सत्ता में नहीं आएगी.' हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर हलचल बढ़ गई है. सीट बंटवारे में अनदेखी से नाराज समाजवादी पार्टी (सपा) ने खुलेआम अपनी नाराजगी व्यक्त की. सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह बैठक से भी सपा नदारद थी. 


शिवसेना (यूबीटी), जनता दल (यूनाइटेड) और आम आदमी पार्टी जैसे दलों के नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस को क्षेत्रीय सहयोगियों के प्रति अधिक उदार होना चाहिए. केरल में, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि कांग्रेस ने सोचा कि वह अपने दम पर भाजपा के खिलाफ जीतने में सक्षम है और 'अपने लालच के कारण' ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य दलों के साथ हाथ नहीं मिलाया. 


उन्होंने कहा, 'अगर उन्होंने अन्य दलों के साथ हाथ मिलाया होता तो यह नतीजा नहीं होता. वे लालची थे और उन्हें सत्ता की लालसा थी. वे सब कुछ अपने लिए चाहते थे. इसके कारण उन राज्यों में ऐसी स्थिति पैदा हुई. अगर हर कोई एकजुट होता तो परिणाम पूरी तरह अलग होता.' इस बीच, टीएमसी नेताओं ने सोमवार को विपक्ष की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि शीतकालीन सत्र का इस्तेमाल महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए किया जाना चाहिए. 


उन्होंने कहा कि कई मुद्दों को उठाया जाना चाहिए और किसी एक मुद्दे पर विरोध करके सत्र बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि विपक्ष को विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, लेकिन स्थगन के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए ताकि समय का उपयोग प्रमुख मुद्दों को उठाने के लिए किया जा सके. विपक्षी दल भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन विधेयकों पर लंबी बहस करने के इच्छुक हैं. वे टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा की मांग करेंगे. 


(इनपुट भाषा के साथ)