New Parliament House Row: देश की नई संसद भवन को लेकर राजनीति तेज हो गई है. आगामी 28 मई को पीएम मोदी द्वारा नई संसद भवन का उद्घाटन होना है, तो वहीं विपक्ष ने इस समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. जिस पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है तो नए संसद भवन में कभी न जाने की घोषणा करें. 


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उन्होंने इस मुद्दे पर बेकार की राजनीति किए जाने की बात कही. नीतीश कुमार को आईना दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पटना में विधानमंडल के नए भवन का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया था और किसी ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि उन्होंने पिछले 17 साल में कितने नए भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया?


बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिन लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया था और अपशब्द तक कहे थे, उन्हें आज आदिवासी सम्मान की बड़ी चिंता हो रही है. बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति पर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहा था. जब इस पर विवाद हुआ तो उन्होंने सफाई में कहा था कि उनकी जुबान फिसल गई क्योंकि उन्हें हिंदी का सही से ज्ञान नहीं है. 


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बता दें कि नई संसद भवन पर राजनीति राहुल गांधी के ट्वीट के बाद ही शुरू हुई है. राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा था कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं. इसके बाद तमाम विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने का ऐलान किया है. इन दलों में कांग्रेस के अलावा टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी और जेडीयू सहित असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी शामिल है.