पटना : राहुल गांधी को पहले 'मोदी सरनेम' मामले में अदालत से 2 साल की सजा मिली और फिर उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई. इसके बाद विपक्ष के पास पीएम पद के चेहरे के नाम पर अब राहुल गांधी का चेहरा 2024 के लिए नहीं रह गया है. ऐसे में अब विपक्ष के पास नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार और केसीआर जैसे नामों पर दाव खेलने को रह गया है. हालांकि राहुल गांधी पर आए अदालत के फैसले और उनकी सांसदी जाने को लेकर नीतीश कुमार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है लेकिन तेजस्वी यादव जरूर राहुल गांधी के साथ खड़े हो गए हैं.


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बता दें कि राहुल की सांसदी रद्द होने का जिस दिन नोटिफिकेशन जारी हुआ उसी दिन तेजस्वी ने कहा था राहुल गांधी समेत समूचे कांग्रेस और विपक्ष के दलों को अब इकट्ठा होने की जरूरत है. भाजपा के खिलाफ उन्होंने सबको एकजुट होने का आह्वान किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के खिलाफ जो भी खड़ा होता है उसके पीछे जांच एजेंसी लगा दी जाती है.  ऐसे में अब भाजपा के खिलाफ सबको एकजुट होना होगा. 


बता दें कि तेजस्वी यादव को सीबीआई ने नोकरी के बदले जमीन के मामले में पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था. जहां उनसे लगभग 9 घंटे की पूछताछ हुई इसके बाद सीबीआई दफ्तर से बाहर निकलकर तेजस्वी यादव ने ऐसा कुछ कह दिया जिसको सुनकर कांग्रेस के नेता भी हैरान हैं. सभी जानते हैं कि कांग्रेस देश की राष्ट्रीय पार्टी है और उसके नेता राहुल गांधी को ही 2024 के लिए पीएम पद का दावेदार मान रहे थे लेकिन अब वह 8 साल तक चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे ऐसे में तेजस्वी ने कांग्रेस को सुझाव देते हुए कहा कि जहां क्षेत्रीय दल ज्यादा ताकतवर हैं वहां उनके हाथ में सबकुछ सौंप देना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2024 में अगर भाजपा को रोकना है तो जहां क्षेत्रीय दल मजबूत है वहां उनके हाथों में कमान सौंप देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू यादव सभी क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. तेजस्वी ने इशारों में कह दिया कि कांग्रेस जिन 200 सीटों पर मजबूत स्थिति में है वह वहीं चुनाव लड़े और भाजपा का मुकाबला करे. 


तेजस्वी का इशारा साफ था कि एक राष्ट्रीय दल को क्षेत्रीय पार्टियों की बनाई रणनीति के तहत अब चुनाव लड़ने के लिए सीटों का विश्लेषण करना होगा. जबकि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी अपने जनाधार को फिर से वापस पाने के लिए अधिकतम सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर ही इसे हासिल कर सकती है. लेकिन अगर क्षेत्रीय पार्टी इस तरह का दबाव बनाती रही तो कांग्रेस के लिए गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाएगी. तेजस्वी ने इशारों में यह भी कह दिया कि बिहार में उनकी पार्टी सबसे बड़ी है और कांग्रेस उस गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में तेजस्वी इशारों-इशारों में समझा गए कि कांग्रेस के लिए महागठबंधन में 2024 के चुनाव के लिए सीटों का गणित क्या होनेवाला है. तेजस्वी तो कांग्रेस को इस बात को समझने के बारे में भी बोल गए. 


अब देखना होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस क्या कदम उठाती है क्या वह महागठबंधन का हिस्सा बनती है. क्षेत्रीय दलों के साथ सीटों को लेकर समझौता करती है या फिर देशभर में सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती है. हालांकि कांग्रेस के लिए यह समय कठिन होगा क्योंकि अभी कांग्रेस के पास राहुल का नेतृत्व नहीं होगा और साथ ही क्षेत्रीय दलों का सीटों के बंटवारे को लेकर दबाव भी पार्टी पर जोर का पड़ेगा.  


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