Bihar Politics: लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अब जेल जाने का डर सताने लगा है. लैंड फॉर जॉब्स केस में फंसे तेजस्वी को डर है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. उन्होंने अंदेशा तब जताया जब ईडी ने उनकी मां राबड़ी देवी से दिल्ली मुख्यालय में तकरीबन 4 घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद तेजस्वी ने कहा कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि चार्जशीट में अभी नाम नहीं है लेकिन सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मेरा भी नाम जोड़ा जा सकता है.


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तेजस्वी ने कहा कि कहा कि यह बात महागठबंधन की सरकार बनी, तभी से पता थी कि अब बीजेपी चुप नहीं बैठेगी. अब तक ईडी-सीबीआई ने कितनी बार कार्रवाई की लेकिन कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के नतीजों के बाद से बीजेपी के लोग डरे हुए हैं इसीलिए लगातार कार्रवाई की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा बिहार से डरे हुए हैं. उसी को लेकर ये लोग कार्रवाई कर रहे हैं. तेजस्वी ने आगे कहा कि अभी मेरा चार्जशीट में नाम नहीं है लेकिन हो सकता है सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दें और उसमें मेरा भी नाम जोड़ दें.


क्या है पूरा मामला? 


बता दें कि नौकरी के बदले जमीन का यह मामला 14 साल पुराना है. आरोप हैं कि लालू यादव जब रेलमंत्री थे तो उन्होंने रेलवे में लोगों को नौकरी दिलाने के बदले उनसे जमीन ले ली थी. लालू परिवार के कई सदस्यों के नाम पर जमीन ट्रांसफर की गई थी. नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई ने बीते साल 18 मई को केस दर्ज किया था. 18 अक्टूबर को इस मामले में  चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी. इस मामले में 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने इस मामले में भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते उनके ओएसडी थे. इस मामले में तेजस्वी यादव से भी तीन बार पूछताछ हो चुकी है. 


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600 करोड़ रुपये की हेराफेरी


नौकरी के बदले जमीन मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव भी अभियुक्त हैं. सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की. ईडी इस मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद की बेटियों से पहले ही पूछताछ कर चुकी है. 10 मार्च को लालू परिवार से जुड़े ठिकानों पर पटना, दिल्ली, एनसीआर, मुंबई और रांची में 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी. कार्रवाई के बाद ईडी ने इस बात का खुलासा किया था कि जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले में अभी तक करीब 600 करोड़ रुपए की गड़बड़ियां सामने आई हैं.