बिहार से होकर गुजरेंगी 2 कॉरिडोर, विजय सिन्हा ने कहा, `राज्य के विकास को मिलेगी तेजी`
Bihar News: भारतमाला 2A योजना के तहत बनने वाले दोनों कॉरिडोर देश की सामरिक जरूरतों के लिए भी व्यापक उपयोगिता रखते हैं. मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विकसित भारत के निर्माण में बिहार जैसे पूर्वी भारत के राज्यों की निर्णायक भूमिका होगी.
Bihar: केंद्र सरकार की भारतमाला-2A योजना से जो हाई स्पीड कॉरिडोर को मंजूरी मिली है, उसमें से दो कॉरिडोर बिहार से होकर गुजरेंगी. बिहार सरकार का मानना है कि इससे राज्य के विकास की स्पीड और स्कोप बढ़ेगा. बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने 11 जून, 2024 दिन मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार की भारतमाला-2A योजना के तहत जिन दर्जनभर हाईस्पीड कॉरिडोर को मंजूरी मिली है, उनमें से दो कॉरिडोर बिहार से होकर गुजरने जा रहे हैं.
राज्य से होकर रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर के लगभग 367 किमी और गोरखपुर-किशनगंज हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए लगभग 416 किमी सड़क का निर्माण होगा. इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार की ओर से पूर्व में स्वीकृत भारतमाला-2 के तहत एनएच-319बी वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की 170 किलोमीटर लंबाई का पथ बिहार से गुजरने वाला है.
जिसमें अब तक कुल 5 पैकेज में लगभग 5,241 करोड़ रुपए की लागत से 136 किमी की सड़कों के निर्माण से जुड़े टेंडर निकाले जा चुके हैं और इन पैकेजों पर जल्द ही कार्य भी शुरू हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि 'रक्सौल-हल्दिया हाई स्पीड कॉरिडोर' बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिलों से होकर गुजरेगा. जबकि, 'गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर' राज्य के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिलों से होकर गुजरने वाला है.
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भारतमाला 2A योजना के तहत बनने वाले दोनों कॉरिडोर देश की सामरिक जरूरतों के लिए भी व्यापक उपयोगिता रखते हैं. मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विकसित भारत के निर्माण में बिहार जैसे पूर्वी भारत के राज्यों की निर्णायक भूमिका होगी.
इनपुट: आईएएनएस