JDU First National Council meeting: जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक दिल्ली में होनी है जिसके लिए पार्टी के सभी नेता दिल्ली में पहुंचे हैं. ऐसे में पार्टी की तरफ से आगे की रणनीति कैसे होगी इस पर इस बैठक में बातचीत होगी. इसके अलावा बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी इस बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. ऐसे में दिल्ली निकलने से पहले पटना में नीतीश कुमार ने बैठक की अब इसको लेकर भी सियासी अटकलें तेज हो गई है. दरअसल एक तरफ जेडीयू को लेकर विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा है कि नीतीश की पार्टी का जल्द ही राजद में विलय हो जाएगा. वहीं जदयू के नेता इस बात को सिरे से नकारते रहे हैं. 


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दरअसल दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद दोनों की बैठक होनी है. ऐसे में आपको बता दें कि पार्ची के राष्ट्रीय परिषद की बैठक पार्टी के लिए अहम होती है. इस बैठक में बड़ी संख्या में पार्टी के नेता होते हैं. इस बैठक में लिया गया सभी निर्णय सर्वमान्य होता है. वहीं आगे आपको बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सदस्यों की संख्या कम होती है. इसमें पार्टी के नियमावली में बदलाव या किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा की जाती है. 


नीतीश के मुख्यमंत्री बनने के बाद अभी तक जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक नहीं हुई थी. 2003 में इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी. तब दो पार्टियां थी एक तो नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडिस की समता पार्टी और दूसरी शरद यादव की लोक शक्ति पार्टी. दोनों का विलय इसी समय हुआ था और नई पार्टी के गठन का ऐलान हुआ जिसका नाम हुआ जनता दल युनाइटेड. 


तब पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई थी. उस समय दोनों पार्टी के नेताओं ने सर्वसम्मति से पार्टी के विलय का निर्णय लिया था. तब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर शरद यादव का चुनाव हुआ था. उसके बाद से पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक पार्टी के गठन के 20 साल तक नहीं हुई और अब शुक्रवार को यह बैठक होनी है. दरअसल इस पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिया गया निर्णय राष्ट्रीय परिषद की बैठक रखा जाएगा. ऐसे में इसमें अगर सदस्यों की आम सहमति बन गई तो उसे पारित माना जाएगा. राष्ट्रीय परिषद की बैठक इसलिए भी अहम होगी की इसमें कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.


ऐसे में अब जिस तरह से विपक्ष एक तरफ दावा कर रहा है, वहीं कभी नीतीश के बेहद करीबी रहे प्रशांत किशोर भी दावा कर चुके हैं कि बिहार में जदयू का विलय जल्द ही राजद में हो जाएगा. ऐसे में अब सियासी सवाल यह भी है कि क्या नीतीश कुमार की पार्टी अपने 20 साल पहले के फैसले को फिर से दोहराने तो वाली नहीं है? क्योंकि 20 साल पहले राष्ट्रीय परषद की बैठक में समता पार्टी और लोक शक्ति पार्टी का विलय होकर जदयू का गठन हुआ था. फिर कभी राष्ट्रीय परिषद की बैठक पार्टी ने नहीं बुलाई. अब जब बिहार में विपक्षी पार्टियों के द्वारा इस तरह राजद में जदयू के विलय को लेकर बयान दिए जा रहे हैं तो ऐसे में जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाने से इस सवाल को जोर मिला है कि क्या वही विलय का फैसला एक बार फिर दोहराया जाने वाला है. हालांकि इस बार अंतर यह है कि अगर राजद में जदयू के विलय का फैसला होगा भी तो भी एक बात तो है कि राजद के नेता इस समय दिल्ली में उस बैठक में उपस्थित नहीं होंगे. हालांकि जेडीयू की बैठक में क्या होगा यह तो कल ही स्पष्ट हो जाएगा. लेकिन, इस तरह की चर्चा को बल जरूर मिल रहा है.