Modi Surname Case: राहुल गांधी एक बार फिर मुश्किल में घिर गए हैं. 'मोदी सरनेम' को लेकर दिए गए उनके बयान के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए थे. ऐसे ही एक मामले में सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि इस आपराधिम मानहानि मामले में सजा के ऐलान के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत तो मिल गई लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई है. पटना में भी उनके ऊपर एक इसी तरह का मुकदमा चल रहा है. बता दें कि सूरत की अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए इस मामले में 30 दिन के भीतर ऊपरी अदालत में निर्णय के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति द है. 


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ऐसे में राहुल गांधी को अपने दोष से मुक्ति के लिए ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा और इसके लिए उन्हें एक महीने का वक्त दिया गया है. हालांकि भाजपा की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि ऐसे मामले में जो फैसला आया है उससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता तत्काल चली जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2013 को दिए एक फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद, विधायक या एमएलसी जिसे न्यूनतम 2 साल की जेल दी जाती है उसकी संसद सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाती है, वह सदन की सदस्यता खो देता है. इसी के तहत सपा विधायक आजम खान को निचली अदालत से 2 साल की जेल के आदेश के बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. 


दरअसल राहुल गांधी को जिस मामले में सजा सुनाई गई है उसके बारे में जान लेना चाहिए. राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक बयान दिया था जिसमें कहा था कि आखिर क्यों सभी चोरों का सरनेम 'मोदी' ही होता है. इसके बाद राहुल के बयान पर जमकर बवाल हुआ था. गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं बिहार भाजपा के नेता और राज्यसभा सांसद  सुशील मोदी ने भी राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. 


इस मामले पर सुशील मोदी के द्वारा दायर एमपी एमएलए कोर्ट में केस पर सुनवाई जारी है. ऐसे में पटना के एमपी एमएलए कोर्ट नें इस मामले में  12 अप्रैल 2023 को राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित होकर अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. बता दें कि ऐसे में लगने लगा है कि अब इस मामले में राहुल गांधी की मुश्किलें कम नहीं होनेवाली है. बल्कि उनकी परेशानी और बढ़ सकती है. 


ऐसे में बता दें कि सूरत के सेशन कोर्ट से राहुल गांधी को जो सजा सुनाई गई है अगर उसपर हाईकोर्ट स्टे नहीं लगाता है तो वह सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं वहीं भी अगर फैसला बरकरार यह गया तो उनकी वायनाड से संसद सदस्यता 6 साल के लिए जा सकती है. हालांकि अभी राहुल गांधी की संसद सदस्यता को लेकर कोई खतरा नहीं है ऐसा जानकार मानते हैं. अब पटना में एमपी एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के द्वारा 12 अप्रैल को क्या बयान दर्ज कराया जाता है और इससे अदालत कितना संतुष्ट होती है और इसपर क्या फैसला आता है इसपर सभी की निगाहें टिकी हुई है.  


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