लातेहार : सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाख दावे कर ले, लेकिन स्थिति आज भी संतोषजनक नहीं है. समय-समय पर इसकी कलई खुलती रहती है. झारखंड के लातेहार में एक गर्भवती महिला को अस्पताल तक आने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली. बेहोशी अवस्था में गर्भवती महिला को इलाज के लिए गांव से चंदवा अस्पताल तक मोटरसाइकिल के सहारे आना पड़ा. इसके लिए महिला को 10 किमी की दूरी तय करनी पड़ी.


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इतना ही नहीं, लातेहार सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था होने के बाद भी गर्भवती महिला को रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया गया. डीसी द्वारा महिला को लातेहार सदर अस्पताल में ब्लड चढ़ाने और इलाज करवाने के प्रयास को भी लातेहार सिविल सर्जन ने धूमिल कर दिया.


महिला की स्थिति इतनी गंभीर थी कि अपने पैरों के सहारे चल भी नहीं पा रही थी. गंभीर रूप से बीमार महिला शांति को हॉस्पिटल आने के लिए एम्बुलेंस तक की सुविधा नहीं मिली. यह देख परिजनों ने उसे दस किमी तक मोटरसाइकिल के सहारे अस्पताल लेकर पहुंचे. मामला 27 जून की है.


अयुब खान द्वारा सीएचसी प्रभारी निलीमा कुमारी को फोन कर एम्बुलेंस मांगे जाने के बाद भी प्रभारी ने उपलब्ध नहीं कराया. 108 नंबर पर भी फोन करने पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली.


गंभीर रूप से बीमार महिला गांव में असहनीय पेट दर्द से घंटों तक तड़पती रही. तीन दिन से बुखार से पीड़ित थी. ब्लड के अभाव में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है शांति देवी. इमरजेंसी में मरीजों के लिए किसी तरह की जांच की सुविधा नहीं है.


शांति देवी कामता पंचायत के चटुआग गांव की टोला चिरोखाड़ निवासी कमल गंझु की पत्नी है.