सहरसा: एक तरफ बिहार को मिलने वाले दूसरे एम्स को लेकर राजनीति अभी तक गर्म है. दरभंगा में लगातार एम्स के लिए जमीन का आवंटन और फिर इस जमीन को खारिज किया जाना पहले से ही राजनीतिक बवाल का विषय बना हुआ है. वहीं अब सहरसा से एम्स की मांग उठने लगी है. बता दें कि यह मांग अब और ज्यादा जोर पकड़ने लगी है और इसके पीछे बिहार के कद्दावर नेता रहे और हाल ही में जेल से रिहा हुआ आनंद मोहन का साथ मिल गया है. 


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बता दें कि सहरसा जिले के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया और सहरसा में एम्स अस्पताल की मांग को लेकर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने आगामी 31 जुलाई को पूरा सहरसा बंद और चक्का जाम करने का ऐलान कर दिया है.पूर्व सांसद आनंद मोहन का कहना है सहरसा के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है और अब इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा. 


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आनंद मोहन ने शुक्रवार को जिले के गोबरगढ़ा स्थित एम्स के लिए प्रस्तावित 218 एकड़ जमीन का भी मुआयना किया. इस दौरान काफी संख्यां में स्थानीय लोग भी उनके साथ मौजूद थे. जमीन का मुआयना करते हुए उन्होंने कहा कि सहरसा में एम्स के लिए करीब 218 एकड़ जमीन उपलब्ध है. इसके अलावा आगे इसके विस्तार के लिए जरूरत पड़ती है तो पास में ही कई एकड़ और भी सरकारी जमीन उपलब्ध है. 


आनंद मोहन ने आगे कहा कि राज्य सरकार से हमलोगों की पूरजोर मांग है कि सहरसा को एम्स मिलना चाहिए और इसके लिए हमलोग आंदोलन कर रहे हैं. आगामी 31 जुलाई को हमलोगों ने प्रस्तावित बन्द बुलाया है. बंद के बाद हमलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि सहरसा के साथ लगातार हकमारी हो रही है उसका पटाक्षेप करें और सहरसा के हक को वापस दिलवाने का काम करें.


REPORT - VISHAL KUMAR