Saharsa: सहरसा का सदर अस्पताल हमेशा अपनी बदइंतजामियों को लेकर सुर्खियों में रहा है, लेकिन इस बार सदर अस्पताल से ऐसी तस्वीर सामने आई है जो बेहद शर्मनाक है. दरअसल, कोसी इलाके के पीएमसीएच कहे जाने वाले सहरसा सदर अस्पताल में मंगलवार की शाम को लगभग 45 मिनट तक बिजली गुल रही, जिसकी वजह से ऑक्सीजन बंद हो गई और मरीजों की सांसे अटकी रहीं. इसी बीच सांप के काटने से पीड़ित एक 10 महीने के बच्चे का इलाज मोबाइल की रोशनी से किया गया. 


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दरअसल, मंगलवार को इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के बीच उस वक्त अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया, जब अचानक से अस्पताल की बिजली कट गई. इस दौरान सदर अस्पताल में जेनरेटर भी बंद रहा. हैरानी की बात तो ये रही कि जेनरेटर में डीजल ही नहीं था, जिसके चलते तकरीबन 45 मिनट तक सदर अस्पताल पूरी तरह से ब्लैक आउट रहा और मोबाईल टॉर्च की रोशनी से बच्चे का इलाज चलता रहा, फिर 45 मिनट तक इलाज के बाद जेनरेटर में डीजल डालने के लिए कर्मचारी पहुंचा. वहीं, बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर की मानें तो बच्चे की हालत सांप के काटने से गंभीर थी और उसका इलाज करना जरूरी था. इस कारण उन्होंने बिना वक्त गंवाए ही मोबाइल की रोशनी में इलाज शुरू कर दिया.


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हालांकि, बाद में डीजल लाने पर जेनरेटर सुविधा बहाल हो पाई और मरीजों की जान में जान आई. इधर, मामले की जानकारी बड़े अधिकारियों तक पहुंचने के बाद सिविल सर्जन अवधेश प्रसाद जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अनुबंध पर जेनरेटर चला रहे संवेदक से स्पष्टीकरण मांगा, साथ ही इमरजेंसी में इन्वर्टर लगाने का आदेश भी दिया. 


(इनपुट- विशाल कुमार)