Saharsa News: अपनी ही जमीन के लिए पीड़ित शख्स लगा रहा पुलिस और निबंधन कार्यालय के चक्कर, मामला दर्ज
Saharsa News: सहरसा में एक पीड़ित शख्श इंसाफ की गुहार लिए कभी पुलिस कार्यालय तो कभी निबंधन कार्यालय का चक्कर लगा रहा है.
सहरसा: बिहार के सहरसा से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसके बाद पीड़ित शख्श इंसाफ की गुहार लिए कभी पुलिस कार्यालय तो कभी निबंधन कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. दरअसल, सदर थाना क्षेत्र के नयाबाजार के रहने वाले पीड़ित गोपाल भारती जो की अपने स्वर्गवासी पिता के इकलौते पुत्र हैं.
उनकी माने तो दो माह पूर्व उनके पिता रत्नेश्वर मिश्र का निधन हो गया. इस बीच वो शहर से बाहर रहकर प्राइवेट नौकरी करते थे. पिता के निधन के बाद जब उन्होंने अपनी जमीन जायदाद के बारे में पता किया तो मालूम हुआ कि उनकी नया बाजार स्थित 26 धुर जमीन को फर्जी तरीके से कागजात बनाकर उनके पिता स्व. रत्नेश्वर मिश्र का पुत्र बताकर अजय मिश्रा नामक व्यक्ति ने गणेश सिंह नामक व्यक्ति के हाथों बेच डाली.
जिसके बाद पीड़ित ने निबंधन कार्यालय से कागजात निकाला तो उसमें अजय मिश्रा खुद को रत्नेश्वर मिश्रा का पुत्र बताकर गणेश सिंह के हाथ उनके नयाबाजार स्थित 26 धुर जमीन को बेच दिया है. इतना ही नहीं कागजात में आधार कार्ड और पैन कार्ड भी फर्जी लगाया गया है. जिसके बाद पीड़ित ने सदर थाना में लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज कराया. इधर पुलिस ने बीते 23 सितंबर को पीड़ित के आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर लिया, लेकिन फर्जी तरीके से जमीन का क्रय विक्रय करने वाले आरोपी अजय मिश्र और गणेश सिंह पर अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई.
वहीं पीड़ित ने निबंधन कार्यालय के कर्मियों पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए वहां भी आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. इधर पीड़ित शख्स अपने ही जमीन के लिए कभी पुलिस कार्यालय तो कभी निबंधन कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. हालांकि पूरे मामले पर हेडक्वाटर डीएसपी एजाज हाफिज ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद पीड़ित शख्स के द्वारा दिए गए आवेदन पर सदर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है.
फिलहाल अनुसंधान किया जा रहा है कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं निबंधन कार्यालय के पदाधिकारी का कहना है कि पीड़ित के द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ. जिसकी पड़ताल की जा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस तरीके निबंधन कार्यालय में फर्जी कागजात पर जमीन की रजिस्ट्री हो रही है. ऐसे में निबंधन कार्यालय के कर्मियों की लापरवाही से इंकार नहीं किया जा सकता है.
इनपुट-विशाल कुमार