राजगीर: बिहार के राजगीर में नेचर सफारी का निर्माण कराया जा रहा है, जो लगभग बन कर तैयार है और देश का दूसरा ग्लास ब्रिज भी इस नेचर सफारी में ख़ास आकर्षण का केंद्र है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस नेचर सफारी का मुआयना करने शनिवार को राजगीर पहुंचे. यह नेचर पार्क भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नालंदा जिला स्थित राजगीर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल है और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म में जुड़े कई इमारत, स्मारक, मंदिर और प्राकृतिक संरचना यहां मौजूद है. पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से मनमोहक दृश्य यहां प्रकृत्ति ने इस क्षेत्र को उड़ेल कर दिया है. इसी मनमोहक दृश्य में और चार चांद लगाने की तैयारी की गयी थी जो अब मूर्त रूप ले रहा है नेचर सफारी के तौर पर.


राजगीर पर्यटकों के लिए बना स्वर्ग
नालंदा के विधायक और पूर्व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि बिहार में राजगीर पर्यटकों के लिए स्वर्ग है. यहां पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आते हैं लेकिन अब यहां नए-नए आयाम जोड़े गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटक अब आएंगे. 


श्रवण कुमार का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल की वजह से फिलहाल पर्यटकों की संख्या बेहद सीमित है, लेकिन स्थितियां बदल रही है और संक्रमण पर निजात के साथ ही जिस तरह से यहां नेचर सफारी, स्काई वॉक के लिए ग्लास ब्रिज और दूसरी सुविधा मुहैया करायी गयी है इसको लेकर बड़ी संख्या में पर्यटक अब राजगीर आना पसंद करेंगे.



तांगा से सवारी देगा अलग अनुभूति
उन्होंने कहा कि राजगीर में मनियार मठ से आठ किलोमीटर की दूरी तय कर आप नेचर सफारी पहुंच सकते हैं. यहां आने के लिए तांगा सवारी आपको एक अलग अनुभूति देगी. हालांकि, बैटरी चलित ऑटो और कार भी यहां तक जाती है. नेचर सफारी के मुख्य द्वारा पर एक बड़ा सा पत्थर का गेट आपका स्वागत करेगा और आसपास का क्षेत्र भी फूल पौधों के साथ अलग कलाकृति से आपको आकर्षित करेगी.
  
भगवान बुद्ध की आशीर्वाद वाली मुद्रा में हथेली इस स्थान पर एक अलग एहसास कराएगी. आपको लगेगा कि आप भगवान बुद्ध के क्षेत्र में हैं. नेचर पार्क में सबसे आकर्षण का केंद्र है ग्लास ब्रिज यानी शीशे का बना पुल. इस ब्रिज को चीन के हेवाई प्रान्त में बने स्काई वॉक के तर्ज पर बनाया गया है. यह बिहार का पहला और देश का दूसरा ग्लास ब्रिज है.  


सिक्किम के पेलिंग में बना है पहला स्काई वॉक
हालांकि, सिक्किम के पेलिंग में बना पहला स्काई वॉक के नीचे कई पिलर बने जबकि राजगीर के कैंडी आर्म्स के जरिए ग्लास वॉक आपको एक छोर से सीधा दूर यानी दो पहाड़ियों के बीच में ले जाता है जहां गहराई भी अधिक है और यह शानदार रोमांच का अनुभव देगा.


नेचर सफारी में प्राकृतिक को करीब से निहारने का आपको मौका मिलेगा. इसका रोमांच यहां अनुभव कर पाएंगे. 



पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नेचर पार्क को विकसित किया गया है. ऐसे तो राजगीर में कई धरोहर हैं जिसको लेकर अंतर्राष्टीय स्तर पर इसकी पहचान है और इसको लेकर सैलानी यहां का रूख करते हैं लेकिन अब इसे नए आयाम से भी जोड़ा जा रहा है. इससे न सिर्फ धार्मिक स्तर पर बल्कि रोमांचक अनुभव के लिए भी राजगीर सबका पसंदीदा पर्यटक स्थल बन सके और यही कोशिश की गयी है नेचर सफारी में. 


सीएम ने जू सफारी बनवाने की पहल शुरू की
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्रोजेक्ट के ठीक बगल में जू सफारी बनाने की कवायद शुरू करवायी और इसी क्रम में उन्हें यहां के पहाड़ी और घने जंगल देखकर नेचर सफारी का ख्याल आया इसपर काम शुरू किया गया जो अब सबके सामने है. मार्च 2021 में पर्यटक इसका लुफ्त उठा पाएंगे. इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है और पर्यटकों के हर सुख सुविधा का यहां ख्याल रखा जायेगा.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को इस नेचर सफारी का मुआयना करने पहुंचे तो ग्लास ब्रिज पर आकर वे खुद रोमांचित हो उठे. उन्होंने कहा कि वे इस पूरे क्षेत्र में पर्यटकों की हर सुविधा का ध्यान रखेंगे. इसके लिए व्यवस्था की जा रही है. साथ ही नेचर सफारी के इलाके में सुरक्षा का ख़ास ख्याल जायेगा.


नेचर सफारी में लगाए गए हैं 70 से ज्यादा औषधीय पौधे  
नेचर सफारी में पर्यटक देश दुनिया के कैकट्स की बेहतरीन वेराइटी, बांस की प्रजाति और कई महत्वपूर्ण पेड़-पौधे भी देख सकेंगे.
 
नेचर सफारी में 70 से ज्यादा औषधीय पौधे लगाए गए हैं और इसका उपयोग भी यहां आने वाले लोग कर पाएंगे. साथ ही इस सफारी में रूकने की भी व्यवस्था की गयी है और यहां रहने वाले पर्यटक भी इन औषधीय गुण से भरे पौधे का उपयोग कर पायेंगे. 



खास बात यह है कि नेचर पार्क में पटवन के लिए पानी की व्यवस्था भी सूर्य ऊर्जा से पम्प चला कर की जा रही है और पर्यवरण संरक्षण का पूरा ध्यान ऊर्जा की खपत को लेकर भी किया जा रहा है.


तितली पार्क का भी उठा सकते हैं लुत्फ
पहाड़ी इलाका और जंगल से घिरे होने की वजह से यहां तितलियां पर्याप्त है. बरसात के दिनों में यहां तितलियों की संख्या अच्छी खासी होती है, लेकिन यह ख़ास क्षेत्र तितलियों की उपस्थिति से ख़ास पहचान बना सके. इसके लिए यहां तितली पार्क बनाया गया है और तितलियों को आकर्षित करने वाले 15 विशेष पेड़-पौधे यहां लगाये गए हैं.


रस्सी पर साईकिल यानि हवा में साईकिल चलाने के रोमांच का अनुभव भी यहां कर सकेंगे. इसके लिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ख़ास व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा यहां दो ज़िप लाइन भी बनाया गया है जिसमे आप रस्सी पर पुल्ली के सहारे एक छोड़ से पहाड़ी के दूसरे छोड़ तक हवा में तैरते हुए दृश्य का अनुभव करते हुए रोमांच का सैर कर सकते हैं.


प्रकृत्ति के बीच समय बिताने का मिलेगा मौका
स्थानीय पर्यटक प्रतिभा कुमारी और नीरज कुमार अपने परिवार के साथ यहां घूमने आये. हालांकि, वे पहले से इस क्षेत्र से परिचित है, लेकिन अब इस बदले हुए स्वरूप को देखकर बेहद रोमांचित हुए और उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि यह वही जगह है जहां वे पहले कई बार आ चुके हैं.



यहां यदि आप प्रकृत्ति के बीच कुछ समय बिताना चाहे तो यहां रूक भी सकते हैं और इसके लिए यहां बम्बू हट, मड हट और ट्री हाउस यानि पेड़ के ऊपर घर बनाया गया है. आप अपनी पसंद के घर में रह कर इस ख़ास अनुभव से आनंदित हो सकेंगे. यानी प्रकृति के बीच कुछ सकून के दिन गुजारना चाहते हैं तो आपके लिए शानदार तोहफा के तौर पर है. राजगीर का नेचर सफारी लेकिन इसके आपको मार्च तक इंतजार करना होगा.