पटना: मतगणना से पहले विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में हेरफेर का आरोप लगा रहा है. इस मामले पर रामविलास पासवान ने कहा कि जिस तरीके से विपक्ष अभी ईवीएम और चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहा है उसपर यही कहा जा सकता है कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए. रामविलास पासवान ने विपक्ष से पूछा कि जब पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव जीते तो ईवीएम गड़बड़ नहीं था? उन्होंने कहा कि जब ये हारने लगते हैं तभी इस तरह की बात करते हैं.


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उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग को तो धन्यवाद देना चाहिए जिन्होंने इतने बेहतर तरीके से चुनाव संपन्न कराया. ईवीएम पर सवाल खड़ा करके लोग चाहते हैं कि फिर से धन-बल और बाहुबल वाला चुनाव का पुराना वक्त आ जाए. 


 



वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के रिजल्ट लूटे जाने और हिंसा की धमकी के बयान पर रामविलास पासवान ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा जो कह रहे हैं, वो सरासर गलत है. लोकतंत्र खतरे मे नहीं पड़ सकता है और जो लोग खुन खराबा की बात कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही रामविलास पासवान ने कहा, 'जैसे को तैसा होगा'. साथ ही उन्होंने कहा कि इनकी स्थिति 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' जैसी हो गई है. 


आपको बता दें कि मंगलवार को महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में धमकी देते हुए कहा कि वोट की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो हथियार भी उठाना चाहिए. कुशवाहा ने बीजेपी पर हमला बोलते कहा कि चुनाव जीतने के लिए सारे कर्म किए हैं. हर तरह के हथकंडे अपनाए हैं. 


कुशवाहा ने आगे कहा, "एक्जिट पोल भी उसी रणनीति का हिस्सा है जिसे मैं सिरे से खारिज करता हूं. हिंदुस्तान में पहली बार रिजल्ट लूट किया जा रहा है. बीजेपी का कुछ भी नहीं चलने वाला है. महागठबंधन की बढ़त है और महागठबंधन बिहार में जीत रहा है. जनता के बीच बीजेपी के खिलाफ आक्रोश है. लोगों का आक्रोश है और सड़कों पर खून बहेगा. 


उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर पलटवार करते हुए चिराग पासवान सहित कई नेताओं ने बयान दिया है. चिराग पासवान ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा के बयान को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है और खास तौर पे प्रशासन को उन पर नजर रखने की ज़रूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देकर वो भावनाओं को आहत कर रहे हैं और लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं. ये बयान जाहिर करता है की हार से हताश होकर वो इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं. कम से कम उपेंद्र कुशवाहा को कुछ भी कहने से पहले 10 बार सोच लेना चाहिए था.