Ranchi: मैनहर्ट घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) और तात्कालीन अधिकारी शशि रंजन कुमार (Shashi Ranjan Kumar) को ACB से नोटिस मिलने के बाद अब सियासत तेज हो गई है. एसीबी ने गुरूवार को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा है. 


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दरअसल, ये मामला 2005 में रांची सीवरेज ड्रेनेज निर्माण के लिए मैनहर्ट को परामर्शी बनाए जाने से जुड़ा है. इस मामले में अनियमितता का आरोप लगाकर विधायक सरयू राय (Saryu Roy) ने एसीबी में आवेदन देकर जांच की मांग की थी. इधर, नोटिस जारी होने के बाद जमशेदपुर में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 'मैनहर्ट के मामले पर कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंक कर अपना गुजारा कर रहे हैं. 2005 से अब तक इस मामले में आरोपों के अलावा कुछ नहीं मिला है.'


वहीं, झारखंड बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने कहा, 'कानून अपना काम करे, हम लोग न्यायपालिका और कानून पर विश्वास करने वाले लोग हैं लेकिन राजनीतिक विद्वेष के तहत कुछ होता है तो हम विचार करेंगे कि आगे क्या करना है.' तो वहीं इसपर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा (Pradeep Kumar sinha) ने कहा कि 'सरयू राय ने शिकायत की थी उस आधार पर एसीबी को जांच की अनुमति दी गई है. सिर्फ आरोप लगा देने भर से कोई आरोपी नहीं हो जाता.'


मेनहर्ट मामले में विधायक सरयू राय ने कहा कि 'एसीबी काफी धीमी जांच कर रही है मगर देर से आए दुरुस्त आए.' उन्होनें कहा कि 'इस मामले कि जांच पहले भी हुई थी और यह मामला सही पाया गया था.' 


मामले को लेकर झारखंड कांग्रेस (Congress) के प्रदेश प्रवक्ता शमसेर आलम (Shamsher Alam) का कहना है कि 'इस मामले में जांच की गति बहुत धीमी थी, इसमें बड़े घोटाले की बू आ रही है. जिसके तहत कुंडी मार कर अधिकारी और उस में लिप्त लोग बैठे हैं.'


कांग्रेस ने जांच में हो रही देरी पर सवाल उठाए तो जेएमएम (JMM) ने पूर्व की सरकार पर निशाना साधा. इधर, नोटिस मिलने के बाद एक बार फिर मैनहर्ट का जिन्न जिंदा हो गया है और सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है.