Patna: बिहार में एक कॉलेज की छात्रा द्वारा सैनिटरी पैड की दरों पर सब्सिडी देने के सवाल पर एक आईएएस अधिकारी द्वारा अपमानित किए जाने के बाद, दिल्ली की एक फर्म ने उसे एक साल के लिए मुफ्त सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने का फैसला किया है, साथ ही स्नातक होने तक उसकी शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की है.


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कंपनी के सीईओ ने जारी किया बयान 


दिल्ली स्थित सैनिटरी पैड निर्माण कंपनी पैन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ चिराग पान ने कहा, मासिक धर्म एक वर्जित विषय माना गया है. इसे बदलना होगा. हमें आगे आने के लिए कई और लड़कियों की जरूरत है. हम पीरियड ब्लीडिंग के बारे में खुलकर चर्चा की मांग करते हैं. हम विश्वास के साथ सार्वजनिक मंच पर इस विषय पर बोलने के लिए रिया के साहस को सलाम करते हैं. उन्होंने कहा, हम एक साल तक छात्रा को सैनिटरी पैड मुफ्त में देंगे. यही नहीं उसकी पढ़ाई का खर्चा भी वहन करेंगे.


'मेरा सवाल गलत नहीं था'


20 वर्षीय छात्रा रिया कुमारी ने कहा, मेरा सवाल गलत नहीं था. मैं सैनिटरी नैपकिन की लागत पर सवाल उठा सकती हूं. कई गरीब लड़कियां हैं जो इसे नहीं खरीद सकती हैं. ऐसा लगता है कि मैडम (आईएएस हरजोत कौर बम्हरा) ने इसे दूसरे तरीके से लिया. हो सकता है कि वह हमें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही हो, ताकि हम सरकार पर निर्भर न रहे.


तेजस्वी यादव ने किया था बयान


इस बीच, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार सरकार 'कन्या उत्थान' कार्यक्रम के तहत हर लड़की को 300 रुपये प्रदान कर रही है. बहादुर लड़की ने 20 से 30 रुपये के हिसाब से सैनिटरी पैड की मांग की, जबकि सरकार 25 रुपये प्रति माह प्रदान कर रही है. हो सकता है कि लड़की और अधिकारी को इसकी जानकारी न हो. इस घटना के बाद, बम्हरा को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा और आखिर में उन्होंने लड़की से माफी मांगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि वह आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.


(इनपुट एजेंसी के साथ)