Ranchi: खनन पट्टा मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी जाने की आशंकाओं के बीच राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने शनिवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को आतंकित कर देश में अघोषित 'आपातकाल' की स्थिति बनायी जा रही है जो देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है. 


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कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने शनिवार को वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर गठबंधन दलों की समीक्षा बैठक के लिए यहां पहुंचे . पांडेय ने आरोप लगाया, 'जिन राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं वहां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है. गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को आतंकित कर देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनायी जा रही है जो देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है.' 


पांडेय ने झारखंड की वर्तमान परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा, 'राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि आधारित है. यहां सूखे की स्थिति है और किसान मायूस हैं. उन्हें इस स्थिति से निकालने के लिए सरकार प्रयासरत है लेकिन पिछले काफी समय से यहां राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है.' उन्होंने कहा, 'झारखंड में सरकार को तोड़ने की कोशिश की जा रही है लेकिन पूरा गठबंधन एकजुट है और राज्य के सत्ताधारी गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.' 


वहीं, सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राज्य में गठबंधन के 45 विधायक मुख्यमंत्री सोरेन के नेतृत्व में रांची से 38 किलोमीटर दूर खूंटी में 'लतरातू' घूमकर शाम लगभग आठ बजे रांची वापस आ गये. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी महागठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. इससे पहले, भट्टाचार्य ने तंज कसते हुए कहा, 'हमारे सभी विधायकों को जाना था रामगढ़ जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल 'पतरातू' लेकिन जानबूझकर हम उन्हें उल्टी दिशा में खूंटी जिले में 'लतरातू' घुमाने ले गये क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा उसी की भाषा समझती है.' 


बता दें कि झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 49 विधायक हैं. सरकार को कुछ अन्य विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. राज्य विधानसभा में झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं. वहीं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा के कुल 26 विधायक हैं और उसकी सहयोगी आजसू पार्टी के दो विधायक हैं तथा उन्हें सदन में दो अन्य विधायकों को समर्थन प्राप्त है. 


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि भाजपा पिछले पांच माह से लगातार उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश कर रही है. सोरेन ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने उनकी गर्दन पर आरी चलाने की कोशिश की लेकिन वह आदिवासी के बेटे हैं उन्हें कोई इतनी आसानी से नहीं तोड़ सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक 'खून की एक बूंद भी उनके शरीर में होगी वह भाजपा और उसके षड्यंत्रों का मुकाबला करेंगे.'


(इनपुट: भाषा)