भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह बने साल 2022 के उत्कृष्ट विधायक, सीएम हेमंत सोरेन ने किया सम्मानित
झारखंड विधानसभा अपना 22वां स्थापना दिवस मना रही है. स्थापना दिवस समारोह के दौरान एक विधायक को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है. साल 2022 झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस पर ये सम्मान भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह को दिया गया.
रांची: झारखंड विधानसभा अपना 22वां स्थापना दिवस मना रही है. स्थापना दिवस समारोह के दौरान एक विधायक को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जाता है. साल 2022 झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस पर ये सम्मान भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह को दिया गया.
भाकपा माले विधायक को मिला सम्मान
स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह को सम्मानित किया. विनोद कुमार सिंह को भगवान बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक सम्मान से नवाजा गया.
सादे व्यक्तित्व के मालिक
साफ-सुथरी और उत्कृष्ट छवि के मालिक विनोद कुमार राजनीति की चकाचौंध से दूर रहना पसंद करते हैं. जनता के मुद्दों पर समर्पण के भाव से काम करना, उन्हें मजबूती के साथ उठाना, गंभीरता के साथ उनके निदान पर मंथन करना माले नेता की सूची में प्राथमिकता पर रहते हैं. उनकी ये कर्मठता ही उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती हैं.
पार्टी कार्यालय में व्यतीत होता है वक्त
उनकी दैनिक दिनचर्या का आधा से भी ज्यादा वक्त रांची के पार्टी दफ्तर में व्यतीत होता है. कार्यकर्ताओं और आमजन के साथ उनका ज्यादातर समय बीतता है. सरल स्वभाव के मालिक और सादे से दिखने वाले विनोद सिंह बिल्कुल सादा जीवन जीना पसंद करते हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि वो हर महीने अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा पार्टी फंड में देते हैं.
उत्कृष्ट विधायक सम्मान देने की परंपरा
झारखंड में विधानसभा स्थापना दिवस समारोह के मौके पर उत्कृष्ट विधायक चयनित करने की परंपरा रही है. अभी तक रघुवर दास, लोबिन हेम्ब्रम, प्रदीप यादव, स्टीफन मरांडी, विमला प्रधान, राधा कृष्ण किशोर, पशुपतिनाथ सिंह, इंदर सिंह नामधारी, जनार्दन पासवान, माधव लाल सिंह, नलिन सोरेन, रामचंद्र चंद्रवंशी, लोकनाथ महतो, अन्नपूर्णा देवी, विशेश्वर खान, हेमलाल मुर्मू और राजेंद्र प्रसाद सिंह को उत्कृष्ट विधायक सम्मान दिया जा चुका है.
सभी दलों के नेता करते हैं चयन
उत्कृष्ट विधायकों के चयन प्रक्रिया की बात करें तो विधानसभा अध्यक्ष, संसदीय कार्य मंत्री, सभी दलों के प्रमुख और बड़े नेता मीटिंग करते हैं. चर्चा के बाद सभी की सहमति से इस पर फैसला लिया जाता है. इसके साथ ही बैठक में उत्कृष्ट पदाधिकारियों और कर्मचारियों का भी चयन किया जाता है.
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