रांचीः CWG 2022: भारतीय महिला लॉन बॉल टीम ने इतिहास रच दिया है. उसने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया. इस टीम में लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की की चौकड़ी शामिल है. चारों ने मिलकर पहले सेमीफाइनल में मजबूत न्यूजीलैंड को बाहर किया और फिर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 17 10 से हरा दिया.


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इन खिलाड़ियों में से लवली और रूपा रानी झारखंड से हैं. इससे पूर्व 1 अगस्त को सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 16 13 से हराकर फाइनल का सफर तय किया था. भारत का लॉन बॉल में यह पहला पदक है. वहीं, देश को बर्मिंघम में चौथा स्वर्ण पदक हासिल हुआ है. भारत ने तीन रजत और तीन कांस्य भी जीते हैं. इस तरह कुल 10 पदक उसके नाम हैं. झारखंड के लिए ये खुशी दोगुनी चमक वाली है. रूपा रानी तिर्की जहां DSO (जिला खेल अधिकारी) हैं, वहीं लवली चौबे रांची जिला पुलिस की आरक्षी हैं.


परिवार में खुशी की लहर
लवली चौबे की जीत के बाद उनके परिवार के लोगों में अपार खुशी दिखाई दी. लवली चौबे की मां, पिताजी, भाई बहन सभी एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं. वीडियो कॉलिंग के माध्यम से सभी ने लवली चौबे को बधाई भी दी. इस दौरान लवली चौबे ने भी अपने परिजनों और मित्रों का आभार जताया. लवली की इस जीत ने झारखंड का सिर ऊंचा किया है. वहीं उनके परिवार ने कहा, आज हमारी बेटी को उसकी लगातार जारी मेहनत का फल मिला है. वह बस खूब आगे बढ़े, वह यही चाहते हैं. दूसरी ओर रूपा रानी तिर्की के घर भी ऐसा ही माहौल है. रूपा की मां और छोटी बहन ने मीडिया बातचीत में अपनी खुशी जाहिर की. 


क्या है लॉन बॉल
लॉन बॉल एक तरह का बॉलिंग गेम है. इसकी शुरुआत इंग्लैंड में तेरहवीं शताब्दी में हुई और इसके औपचारिक नियम और क़ानून 18वीं सदी के अंत में बने. लॉन बॉल खेल की शुरुआत भारत में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से माना जाता है. आज लगभग 40 देशों में ये खेल खेला जाता है. लॉन बॉल के इवेंट्स कॉमनवेल्थ गेम्स में तो होते हैं लेकिन अभी इसे ओलंपिक्स और एशियन गेम्स में जगह नहीं मिली है. हालांकि 1966 को छोड़कर हर कॉमनवेल्थ गेम्स में इस खेल को शामिल किया गया है.