झारखंड सरकार के इस फैसले से बदलेगी शिक्षक और कर्मचारियों की जिंदगी, नियमावली में होगा ये बदलाव
झारखंड सरकार के एक फैसले ने यहां के शिक्षकों और कर्मचारियों की जिंदगी बदल दी है, इसको लेकर नियमावली में भी परिवर्तन किया गया है.बता दें कि झारखंड के वित्त रहित स्कूल व कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारियों को लेकर यह बड़ी खबर है.
पटना: झारखंड सरकार के एक फैसले ने यहां के शिक्षकों और कर्मचारियों की जिंदगी बदल दी है, इसको लेकर नियमावली में भी परिवर्तन किया गया है.बता दें कि झारखंड के वित्त रहित स्कूल व कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारियों को लेकर यह बड़ी खबर है. अब ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के बैंक खातों में सीधे अनुदान की राशि मिलेगी.
पहले शिक्षकों और कर्मचारियों को ये राशि शिक्षण संस्थान के द्वारा अनुदान राशि दी जाती थी. इसको लेकर झारखंड सरकार की तरफ से नियमावली में बदलाव किया गया है. इसके साथ ही एक और बेहतरीन कदम ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए उठाया गया है जिसमें अनुदान को दोगुना करने पर भी विचार किया गया है.
इसको लेकर विभाग के पास कमेटी की अनुशंसा भेजी गई है. साथ ही इसको लेकर विभाग की तरफ से सहमति भी दे दी गई है. बता दें कि अब तक अनुदान नियमावली के तहत अनुदान की राशि सीधे तौर पर शिक्षकों और कर्मचारियों के खाते में ना डालकर इसे शिक्षण संस्थानों को भेजा जाता था लेकिन अब नियमों में संशोधन किया गया है. जिसकी लंबे समय से मांग चल रही थी. ऐसे में अब अनुदान प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है.
अब ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के बारे में ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसको लेकर शिक्षण संस्थान इस बात की जानकारी देंगे कि शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या कितनी है. इसको लेकर बैंक खातों की जानकारी भी ऑनलाइन ही दी जाएगी, इसके बाद विभाग की तरफ से अनुदान राशि सीधे ऐसे कर्मचारियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी. इस तरह की झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के द्वारा की जा रही थी.
बता दें कि झारखंड में हाईस्कूल, इंटर कॉलेज, मदरसा, संस्कृत विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या 8 हजार से ज्यादा है. ऐसे में अब उनके बैंक खातों में सीधे अनुदान की राशि भेजी जाएगी. इसके साथ ही विभागीय अनुशंसा की गई है कि राज्य के 22 हाईस्कूल व इंटर कॉलेज को स्थायी मान्यता मिलेगी.