रांची: झारखंड में हेमंत सरकार के गठन के बाद सरकार के काम ने रफ्तार ही पकड़ी थी कि कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. फिर क्या था, राजनीतिक बयानबाजी से दूर सभी सियासी दल एक साथ कोरोना काल में लोगों की सहायता के लिए आगे आए, हालांकि इस बीच सरकारों के खिलाफ विपक्ष की तरफ से खूब बयानबाजी भी हुई. 2022 में हालात  सामान्य हुए तो सभी सरकारें अपने राज्य के विकास की राह पर लौटीं लेकिन झारखंड में परिस्थितियां कुछ उलटी हो गई. यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ एजेसियों की तरफ से लगातार कार्रवाई शुरू हो गई तो दूसरी तरफ सरकार के खिलाफ भी राजनीतिक उठापटक तेज हो गई. पूरे साल भर खूब जमकर सियासी ड्रामा चला हालांकि यह अभी भी थमा नहीं है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऐसे में हम आपको झारखंड के नेताओं की जुबानी बताएंगे की प्रदेश की राजनीति के लिए यह साल कैसा रहा. 


2022 में झारखंड की राजनीतिक परिस्थिति कैसी रही इस पर कॉन्ग्रेस पार्टी के कोटे से मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह साल चुनौती भरा रहा, इस बार सबसे बड़ी चुनौती यहां के लिए बारिश का नहीं होना और किसानों के लिए सूखे की स्थिति का होना रहा, आलम ने आगे कहा कि इसके बाद भी हर एक चुनौती को पार करते हुए इस बार 2022 में हेमंत सरकार ने एक नहीं अनेक काम ऐसे किए जो झारखंड के इतिहास में कभी नहीं हुआ था. आलम ने आगे कहा कि 2022 में पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा, पुलिसकर्मियों को 1 महीने का वेतन देने की घोषणा, 1932 के खतियान को विधानसभा में पारित किया गया, ओबीसी आरक्षण बिल को पास कराना जैसे कई महत्वपूर्ण काम हुए हैं. कह सकते हैं कि 2022 सरकार के लिए चुनौती भरा रहा मगर इस पर सरकार ने बेहतर काम किया और जनता भी इसे देख रही है. 


आलमगीर आलम ने आगे कहा कि इस साल विपक्ष ने भी सरकार के सामने कई बाधाएं खड़ी की लेकिन सक्षम सरकार वही होती है जो बाधाओं को पार करके जनहित के मुद्दों को पूरा करे, वह काम हमने किया है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जो झारखंड में काम हो रहा है वह बाधाओं को पार करके काम कर रही है और जनता का आशीर्वाद हम लोगों को मिला है. 


वहीं हेमंत सरकार में कांग्रेस के कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि 2022 हमारे लिए बहुत अच्छा रहा. हमने विपरीत परिस्थितियों में बहुत कुछ सीखा है.  कैसे हमारे विरोधी हमें अभिमन्यु समझ रहे थे. हम लोगों को जाल में फंसाने का काम कर रहे थे. हमने अर्जुन बन कर उस अवैध किले को भेद दिया है और राजनीति के जो लोग महारथी कहे जाते थे. आज उन महारथी लोगों को बिहार और झारखंड में ऐसा पटकनिया दिया है कि उनसे पच नहीं रहा है. विपक्ष का ना ईडी चला, ना सीबीआई चला, ना इनकम टैक्स चला, सभी टॉय-टॉय फिस्स हो गया. मुझे लगता है कि 2022 में विपक्ष ने हम लोगों को सिखाया और हम लोगों ने सीखा है. भाजपा मुद्दा विहीन हो गई है, उनके पास मुद्दे नहीं हैं. उन लोगों द्वारा लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में भी जाकर एकमात्र लक्ष्य था हंगामा करना, विपक्ष मुद्दा विहीन है इसलिए जात-पात मंदिर-मस्जिद करवाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करती है. मगर जनता अब सब कुछ जान चुकी है. 


झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2022 वर्ष काफी अच्छा रहा. साल के शुरुआत में काफी अच्छे दिन गुजरे भले ही कुछ चुनौतियां रहीं मगर उन चुनौतियों का मुकाबला करते हुए महागठबंधन की सरकार ने झारखंड के हित में काम किया और इस तरह के चुनौतियों से सरकार में और मजबूती आई है. आने वाले 2023 में और बेहतर काम करके 24 में जनता का आशीर्वाद लेने फिर हम जाएंगे. विपक्ष पूरी तरह से मुद्दा हीन हो चुकी है इसलिए अलग-अलग तरीके से सिर्फ रोड़ा डालने का काम करती है. हेमंत सरकार इन सभी लोगों को फूल में तब्दील कर झारखंड के हित में काम कर रही है. 


वहीं 2022 को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह साल काफी चुनौती पूर्ण रहा क्योंकि जिस तरह झारखंड में सत्ता में बैठे लोगों द्वारा तुष्टिकरण का खेल चलता रहा और अनेक ऐसी घटनाएं हुई जो पूरे राज्य को शर्मसार कर गईं. साल की शुरुआत से लेकर साल के अंत तक साहिबगंज में एक बेटी की दर्दनाक हत्या जो सिर्फ राज ही नहीं विदेशों में भी लोगों के रोंगटे खड़े करने वाली थी, इस तरह की घटनाओं पर शासन का चेहरा राज्य की जनता को दिख गया. वहीं दूसरी ओर राज्य की बेटियों ने खेल में अपने राज्य के साथ देश का भी नाम रोशन करने का काम किया है जो राज्य के लिए उपलब्धि थी. हम आशा करते हैं कि आने वाले साल में राज्य की तरक्की हो, राज्य के हित में काम हो, सत्ता में बैठे हमारे यूपीए दल के लोग के मन में ऊंचे मन से राज्य को बेहतर बनाने का काम करें, 2022 में जिस तरह झारखंड के लोगों को परेशानी हुई वह 2023 में ना हो उसको लेकर सत्ता में बैठे लोगों को सोचना चाहिए. 


वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि 22 वर्षों में हाल के 3 वर्ष सच में झारखंड के लिए यादगार रहेगा. झारखंड की सत्ता में बैठे लोगों ने सिर्फ अपना विकास किया और राज्य को भूल गए.


(REPORT- MANISH MEHTA)


ये भी पढ़ें- राकेश मिश्रा से बोलीं प्रिया 'राजा जी मुआईये देब का', वीडियो ने मचाया हंगामा