Jharkhand Monsoon: झारखंड में दक्षिण-पश्चिम मानसून की धीमी प्रगति के कारण जून में अब तक 67 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जबकि प्रदेश के पांच जिलों में 80 फीसदी से अधिक की कमी दर्ज की गयी है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने 25 जून, दिन मंगलवार को यह जानकारी दी. 


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अधिकारी ने बताया कि मानसून ने निर्धारित समय से 11 दिन बाद 21 जून को राज्य में प्रवेश किया और मंगलवार तक केवल चार जिलों- पाकुड़, साहेबगंज, गुमला और चाईबासा में ही पहुंच पाया. अधिकारी ने बताया कि एक जून से 25 जून की अवधि में राज्य में 46.6 मिमी बारिश दर्ज की गयी, जबकि सामान्य तौर पर इस अवधि के दौरान 139.9 मिमी वर्षा होती है. 


रांची मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक एस सी मंडल ने बताया कि 24 जिलों में से पांच में बारिश में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी, जबकि आठ जिलों में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गयी. मानसूनी बारिश के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के गढ़वा जिले में सबसे अधिक 91 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है. हालांकि, मौसम विभाग ने बुधवार से प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ने का अनुमान जताया है. 


मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि झारखंड में मानसून की प्रगति धीमी रही है. अगले पांच दिनों में राज्य में अच्छी बारिश हो सकती है. अगले तीन दिनों में राज्य के ज्यादातर हिस्सों में मानसून के पहुंचने की संभावना है. प्रदेश के कुछ हिस्सों में मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई. इस साल मानसून की धीमी प्रगति ने किसानों को चिंतित कर दिया है, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में सूखे जैसी स्थिति का सामना किया है. 


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झारखंड सरकार ने 2023 में 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था, जबकि 2022 में राज्य के 260 प्रखंडों में से 226 को सूखा प्रभावित घोषित किया था . गढवा के किसान गोवर्धन महतो ने बताया कि अभी तक कम बारिश के कारण हम खेती को लेकर चिंतित हैं. खरीफ फसलों की बुआई आमतौर पर एक जुलाई से शुरू होती है और अगर 20 जुलाई तक बुआई पूरी हो जाती है, तो अच्छी फसल की उम्मीद की जाती है. 


इनपुट: भाषा