रांची: झारखंड कांग्रेस के 3 विधायकों की गाड़ी से भारी रकम मिलने के बाद सूबे की सियासी फिजा बदलती नजर आ रही है. इसी बीच कैबिनेट फेरबदल की आहट भी सुनाई पड़ने लगी है. दरअसल, हेमंत सरकार में काग्रेस कोटे के चार मंत्री अलग-अलग महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे हैं.


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कांग्रेस मंत्रियों के पास कई विभाग
रामेश्वर उरांव के पास वित्त, खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण है, वहीं, आलमगीर आलम के पास ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज है. बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग का जिम्मा है. बादल पत्रलेख के जिम्मे कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग है. अब कैश कांड के सामने आने के बाद कहा जा रहा है कि इन चारों मंत्रियों के कामकाज और परफॉर्मेंस का आकलन आलाकमान तक कर रहा है.


विभाग बदल जाएंगे या नए चेहरों को मिलेगा मौका?
इन चारों मंत्रियों के पास विभाग पूर्ववत बने रहेंगे या फिर इसे बदला जाएगा अथवा पार्टी के किसी दूसरे चेहरे को मंत्री पद दिया जायेगा, इसकी चर्चा तेज है. लेकिन इस मामले पर कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने इसे महज अफवाह बताया है. उन्होंने कहा कि यह बातें पार्टी के लोगों को पता नहीं चल रही जबकि विपक्ष इसे हवा दे रहा है.


सरयू राय ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने इस पूरे प्रकरण पर दो टूक कहा दिया कि अगर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में जल्द बदलाव करते है तो राजनीतिक लाभ के साथ-साथ सरकार को स्थिरता मिलेगी. कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कैबिनेट में शामिल कुछ कांग्रेस कोटे के मंत्री ही पलिता लगाने का काम कर रहे है और उनके मंत्री ही आगे बढ़ कर भाजपा नेताओं से संपर्क कर रहे हैं.


कांग्रेस ने बताया 'ऑल इज वेल'
इधर, मंत्रिमंडल फेरबदल के मामले पर मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल में सब कुछ ठीक चल रहा है और फेरबदल की जानकारी उन्हें नहीं है, जबकि गिरिडीह के विधायक सुदीप सोनू से पूछा गया तो उनका साफ तौर पर कहना था कि ना यह इस पर हां बोल सकते हैं और ना ही ना.


सरकार में मची भगदड़: बीजेपी
मंत्रिमंडल फेरबदल पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक भानुप्रताप शाही ने इसे भगदड़ से बचने का प्रोपेगंडा करार दिया है. हालांकि, उनका आरोप है कि राष्ट्रपति चुनाव में जिन कांग्रेसियों ने क्रॉस वोटिंग की है उन्हें अपने में मिलाने की कोशिश है. वहीं, सीपी सिंह ने साफ कहा कि अगर फेरबदल हो भी जाता है तो क्या?सरकार को तो कुछ काम करना ही नहीं है.