कोरोना के खिलाफ तैयार हो रहा है एक और `हथियार`, RIMS में 300 लोगों पर किया जाएगा दवा का ट्रायल
Jharkhand Samachar: रिम्स प्रबंधन के द्वारा नए नियम भी बनाए गए हैं जिसमें एक विभाग के डॉक्टर 1 घंटे में 10 मरीज ही देख सकेंगे.
Ranchi: झारखंड में कोरोना अब दम तोड़ रहा है, ऐसे में संक्रमण की दूसरी लहर में हुई परेशानी से सबक लेते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ ही शोध पर भी ध्यान दिया जा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने के बाद जिंदगी सामान्य होने लगी है, स्वास्थ सुविधाओं को भी पहले की तरह सुचारू रूप से चलाने की कवायद शुरू हो गई है.
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में ओपीडी बंद होने के कारण सामान्य मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, ऐसे में रिम्स प्रबंधन के द्वारा अब 6 विभागों के ओपीडी 15 जून से खुल जाएंगे. इन ओपीडी में मरीज इलाज करा सकते हैं. आंख, ईएनटी, स्किन, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग खुले रहेंगे.
रिम्स प्रबंधन के द्वारा नए नियम भी बनाए गए हैं जिसमें एक विभाग के डॉक्टर 1 घंटे में 10 मरीज ही देख सकेंगे. साथ ही कोरोना गाइडलाइंस का भी पालन करते हुए सभी मरीजों को देखा जाएगा.
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इधर, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल अब Atorvastatin से कोरोना वायरस पर शोध करेगा. आमतौर पर दिल के मरीजों में कोलेस्ट्रोल और लिपिड को कम करने के उपयोग में आने वाली दवा एटोरवास्टेटिन उपयोग में कितना कारगर है इसका शोध किया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है, रिम्स में जल्द ही दवा का ट्रायल शुरू होगा. शोध के सकारात्मक नतीजे आए तो कोरोना वायरस से जान बचाना तो आसान होगा ही साथ ही इलाज सस्ता भी हो जाएगा.
इस शोध के दौरान 300 लोगों पर दवा का ट्रायल होना है. दवा के प्रभाव की जांच के लिए 17 डॉक्टर की टीम बनाई गई है. जिसमें ट्रामा सेंटर से डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य, डॉक्टर जयप्रकाश, डॉक्टर पीजी सरकार, डॉ अजीत, डॉक्टर बी सी गुड़िया सहित और कई डॉक्टर हैं. इस शोध के दौरान एक माह तक मरीजों को ऑब्जर्व किया जाएगा.