पलामू: झारखंड के पलामू जिले में मुहर्रम के जुलूस के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में 18 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. इस घटना को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी निशाना साधा है. 


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पुलिस ने दी जानकारी


पुलिस अधिकारी के मुताबिक यह घटना चैनपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार शाम को उस समय हुई जब मुहर्रम का एक जुलूस शाहपुर, कल्याणपुर और कंकारी जैसे इलाकों से होकर गुजरा. यह क्षेत्र राजधानी रांची से करीब 175 किलोमीटर दूर स्थित है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषभ गर्ग ने कहा कि जुलूस के दौरान संगीत बजाया गया और राष्ट्रीय ध्वज लहराया गया, ध्वज के साथ कथित छेड़छाड़ का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की. 


उन्होंने कहा कि ध्वज के रंग राष्ट्रीय ध्वज के समान ही थे, लेकिन उसमें अशोक चक्र गायब था. एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा, 'अशोक चक्र के स्थान पर उर्दू में कुछ शब्द लिखे थे और नीचे तलवार का निशान था. 13 नामजद समेत 18 लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.'


बाबूलाल मरांडी ने उठाए सवाल 


इस घटना को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा,"पलामू के चैनपुर के अलावा रांची में भी मुहर्रम के दिन जिस प्रकार से राष्ट्रध्वज का अपमान किया गया, वो अकल्पनीय है. झारखंड में अलगाववादी और जिहादी ताकतें पैर पसार रही हैं. आने वाले वक्त में झारखंड के हालात बंगाल से भी ज़्यादा भयावह होने वाले हैं. अलगाववादी ताक़तें झारखंड से आदिवासियों का अस्तित्व, संस्कृति और पहचान समाप्त कर देगी. हेमंत सोरेन और कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति ने झारखंड को बारूद के ढेर पर बैठा दिया है.


(इनपुट भाषा के साथ)