Ranchi: मंगलवार को हुई झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक में 8 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है. इसमें सेवाकाल में मृत सरकारी कर्मियों के आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर नौकरी में नई नियमावली को मंजूरी दी गई है. इसके तहत अब आवेदक के लिए शैक्षणिक योग्यता में हिंदी टाइपिंग की अर्हता को शिथिल कर दिया गया है. नौकरी मिलने के बाद टाइपिंग की निर्धारित क्षमता हासिल करनी होगी. साथ ही राज्य के सरकारी कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम के तहत सरकारी अंशदान की राशि 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दी गई है. 


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कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल के मुताबिक, राज्य भर में जनजातीय समुदाय के धार्मिक एवं पवित्र स्थलों सरना-मसना-हड़गड़ी स्थलों के सौंदर्यीकरण की योजना को मंजूरी दी गई है. इसके तहत अधिकतम 5 करोड़ तक की योजना ली जा सकेगी. 25 लाख तक की ऐसी योजनाओं का काम लाभुक समितियों के जरिए कराया जाएगा. यदि किसी योजना की लागत 25 लाख से ज्यादा होगी, तो इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जाएगा.


वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. इनपर अनियमितता और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप थे. अनिल सिंह फिलहाल पाकुड़ में पदस्थापित हैं.


झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत 25 करोड़ के कार्पस फंड के गठन को मंजूरी दी गई है. किसानों की फसल का नुकसान होने पर इस फंड से आनेवाले ब्याज से मदद पहुंचाई जाएगी. साथ ही सीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए 85. 70 करोड़ की राशि को मंजूरी दी गई है. झारखंड के न्यायालयों में ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के तैयार प्रस्ताव को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा.