रांची: Jharkhand High Court: झारखंड में हाई कोर्ट द्वारा नियोजन नीति 2021 को रद्द किए जाने पर राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है. जहां भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश इस फैसले का स्वागत करते हुए हेमंत सरकार की करारी हार और झारखंड की जीत की बात कर रहे हैं. बता दें कि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से आयोजित होने वाली एक दर्जन से अधिक प्रतियोगिता परीक्षाओं में आवेदन करने वाले लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है.


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बीजेपी ने राज्य सरकार को घेरा


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार की नियोजन नीति 2021 के निर्णय के विरोध में उच्च न्यायालय के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार की बनाई गई एक भी नीति लोक कल्याणकारी नहीं है और ऐसी नीतियों का यही हाल होना है.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा युवाओं को रोजगार देने की कभी नहीं रही. इसलिए यह सरकार कानून विरोधी नीतियों के द्वारा केवल योजनाओं को लटकाने ,भटकाने और अटकाने का काम करती है.


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भाषा को लेकर तुष्टिकरण


झारखंड के मूलवासी हेमंत सरकार के नियोजन नीति से परेशान थे. नियोजन नीति में झारखंड से 10वीं और 12वीं पास के शर्त के कारण कई झारखंडी बच्चे नियोजन के लिए अयोग्य करार हो रहे थे जबकि दूसरे राज्यों से निवास करने वाले लेकिन केवल झारखंड में 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी योग्य माने जा रहे थे. जिसे न्यायालय ने रद्द किया. इसी प्रकार भाषा के आधार पर भी राज्य सरकार ने अनुचित निर्णय लिए. घर घर बोली जाने वाली हिंदी और अंग्रेजी को हटाकर इस सरकार ने चंद लोगों द्वारा व्यवहार में लाए जाने वाले उर्दू भाषा को प्राथमिकता दी जो तुष्टिकरण की पराकाष्ठा थी.


इनपुट- आशीष कुमार तिवारी