Jharkhand: विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपनी सुरक्षा में लगाए तीर-धनुष वाले बॉडीगार्ड, जानें क्या है पूरा मामला
अपनी ही सरकार के खिलाफ लगातार बागी तेवर दिखा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम इन दिनों तीर-धनुष वाले निजी सुरक्षा गार्डों के साथ घूम रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली है.
रांची: अपनी ही सरकार के खिलाफ लगातार बागी तेवर दिखा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम इन दिनों तीर-धनुष वाले निजी सुरक्षा गार्डों के साथ घूम रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली है. विधायक को फिलहाल पुलिस की ओर से सिर्फ एक बॉडीगार्ड मिला है, जो उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है. इस वजह से उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए तीर-धनुष वाले अंगरक्षक रख लिए हैं.
बोरियो विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोबिन हेंब्रम ने विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान अपनी जान पर खतरे की आशंका जताते हुए सदन में आवाज उठाई थी. विधायक ने कहा कि सरकार से कई बार मांग की है कि पहले से हमें जो दो सुरक्षा गार्ड और तीन हाउस गार्ड मिले थे, उन्हें वापस किया जाए, मगर इस सरकार में कोई सुनने वाला नहीं है. सरकार ने बिना पूछे गार्ड वापस बुला लिया.
पूछने पर उन्हें बताया गया कि सुरक्षा गार्डों की ड्यूटी देवघर के श्रावणी मेले में लगाई गई है. मेले के बाद गार्ड वापस मिल जाएंगे. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा, ''कई नए विधायक और पहुंच वालों को सुरक्षा के नाम पर गार्ड मिले हुए हैं, जबकि मैं सबसे पुराना विधायक हूं और मुझे ही सुरक्षा नहीं मिल पा रही है. मैं हमेशा से भू-माफियाओं बालू माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाता रहा हूं. अभी हाल में माफियाओं ने रांची में सरेआम आदिवासी नेता को गोली मार दी है. मेरी सुरक्षा पर राज्य सरकार का कोई ध्यान नहीं है. केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इधर सरकार ने एक कार्बनधारी गार्ड भेजा है जो पर्याप्त नहीं है.''
लोबिन हेंब्रम ने आईएएनएस से कहा कि तीर-धनुष वाले सुरक्षा गार्ड रखने का फैसला उन्होंने मजबूरी में लिया है. तीर-धनुष के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ती. वह कई युवकों को अपनी सुरक्षा में रखने वाले हैं. बता दें कि लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लगातार आलोचना कर रहे हैं.
उन्होंने कई बार कहा है कि आदिवासियों के हक-अधिकार के नाम पर झामुमो ने वोट मांगे और सरकार बनाई, लेकिन सरकार में उनके ही हितों पर लगातार प्रहार हो रहा है. वह संथाल परगना में अवैध खनन से लेकर शराबबंदी के सवालों पर सदन में सरकार को कठघरे में खड़े कर चुके हैं.
(इनपुट: आईएएनएस)