गिरिडीह: गिरिडीह जिले में प्रवासी पक्षियों के आने से वातावरण मनमोहक व आकर्षक हो गया है. विदेशी मेहमानों से गिरिडीह के सभी डैम और तालाब भर गए हैं. खंडोली डैम और अधिक सुंदर लगने लगा है. गिरिडीह का खंडोली डैम इन दिनों विदेशी पक्षियों के आगमन से गुलजार हो गया है इसकी वजह है भारी संख्या में विदेशी मेहमानों का आगमन. प्रतिवर्ष ठंड के मौसम में यंहा प्रवासी पक्षी आते हैं और  इन पक्षियों के कलरव से यह पूरा इलाका गुंजित हो उठता है. खास कर गिरिडीह का खंडोली जलाशय गुलजार हो उठता है. 


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प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन डक व साइबेरियन क्रेन सबसे अधिक आते हैं. इसके अलावे पोचार्ड, लिटिल ग्रेवी, ब्राह्मणी जैसी प्रजातियां भी खंडोली में चार माह तक अपना डेरा जमाते हैं. जानकर बताते हैं कि साइबेरियन पक्षी पूर्व के निर्धारित मार्ग पर ही ठंड के मौसम में नवंबर माह में आते हैं और फरवरी के अंत या मार्च के शुरुआत में चले जाते हैं. असल में शीत ऋतु में ठंडे प्रदेशो में सभी जलाशय बर्फ से ढक जाते हैं. इस वजह से वंहा विचरण करने वाले पंछी भोजन की तलाश में सात समंदर पार कर यंहा तक पहुचते हैं. 


फिलहाल साइबेरियन पंछियो के आगमन से खंडोली में पर्यटन गतिविधियां काफी बढ़ गई है. सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण घूमने के खंडोली पर्यटन स्थल पर घूमने के शौकीन लोगों की चहल कदमी बढ़ जाती है. पर्यटक स्थलों का अवलोकन करने और घूमने का सबसे खूबसूरत मौसम ठंड का ही होता है. सर्दी का आगमन पर्यटन स्थलों की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है. अमूमन प्राकृतिक वस्तुओं का दीदार सर्दी के आने के बाद करना बेहद खूबसूरत होता है. घूमने के शौकीन लोग इस इंतजार में रहते हैं कब ठंड का आगमन हो और हम घूमने के लिए निकलें. हालांकि इस वर्ष घूमने के शौकीन लोग निराश हैं. 


कोरोना महामारी के कारण कई पर्यटन स्थानों पर पर्यटकों को घूमने की पाबंदी लगा दी गई है. प्राकृतिक खूबसूरती से लैस खंडोली पर्यटक स्थल पर लोग अमूमन सर्दी के मौसम में जाना पसंद करते हैं. वैसे तो सालों भर यंहा पर्यटकों के आने का सिलसिला जारी रहता है. लेकिन सर्दी के समय घूमने के पीछे एक और कारण है. क्योंकि इस मौसम में खंडोली डैम की सुंदरता में चार - चांद लग जाती है, क्योंकि इस मौसम में यंहा भारी संख्या में विदेशी पक्षियों का आगमन होता है जिससे पूरा डैम गुलजार हो जाता है. इस साल भी यंहा विदेशी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में विदेशी पक्षियों की संख्या में थोड़ी कमी आयी है.