दिल्ली/रांची: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कथित तौर पर सोरेन और उनके सहयोगियों से संबंधित शेल कम्पनी के संबंध में पीआईएल की स्थिरता को स्वीकार किया गया था.


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12 अगस्त तक सुनवाई स्थगित
न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को 12 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया. गौरतलब है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने  झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है.


झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को दी गई चुनौती 
झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. दरअसल, 3 जून को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर पीआईएल को स्वीकार की थी और अपने 79-पेज के फैसले में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की दलीलों को खारिज कर दिया था.


हाईकोर्ट ने याचिका की थी खारिज
मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि झारखंड उच्च न्यायालय पीआईएल नियम, 2010 के नियम 4, 4-बी और 5 के अनुसार कुछ आवश्यकताओं का पालन नहीं किया गया है और तत्काल रिट याचिकाओं को सुनने लायक नहीं माना जा सकता.


जानकारी के अनुसार, झारखंड उच्च न्यायालय शेल कंपनियों, मुख्यमंत्री सोरेन के खनन पट्टे और मनरेगा घोटाले (MNREGA Scam) से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.