Latehar: एक बांध (Dam) जबतक दुरूस्त रहता है. इलाके में हरियाली कायम रहती है, लेकिन उसके टूट जाने के बाद बर्बादी ही बर्बादी नजर आती है. यही लातेहार के महुवाडांड (Mahuvadand) में हुआ है, जहां भारी बारिश के बाद बांध टूट जाने से इलाके के किसानों के सामने सिंचाई की समस्या खड़ी हो गई है.


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लातेहार के महुवाडांड प्रखंड के रेगाई का घोड़ा लोगस बांध भारी बारिश से टूट कर बह गया है, लेकिन एक जमाने में इस बांध के जरिए इलाके के करीब 50 एकड़ जमीन की सिंचाई की जाती थी. पिछले दिनों आई बारिश के बाद बांध बह गया और यहां के किसानों के सामने अपनी खेती के लिए सिंचाई की समस्या खड़ी हो गई है.


साल 2010 में मनरेगा योजना (MGNREGA Scheme) के तहत इस बांध का निर्माण किया गया था, जिसमें 4 लाख रूपये की लागत आई थी. इस बांध के जरिए यहां के दर्जनों किसान अच्छी पैदावार कर खुशहाल थे. लेकिन अब बांध टूट जाने के बाद उनके सामने सिंचाई की समस्या पैदा हो गई है.


वहीं, किसानों की इस परेशानी के बारे में किसानों ने जब महुवाडांड के एसडीओ नित निखिल सुरीन से बात की तब उन्होनें कहा कि 'बांध बहने की सूचना मुझे भी मिली है और बांध को दुरुस्त करने की व्यस्वस्था की जाएगी जिससे कि किसानों को कोई परेशानी न हो.' प्रशासन के इस आश्वासन के बाद अब इलाके के किसानों को उम्मीद है कि समय रहते अगर बांध की मरम्मत हो गई तो उनकी अगली फसल फिर से बंपर पैदावार दे पाएगी.