Ranchi: झारखंड में उत्पाद विभाग एक बड़ा राजस्व का माध्यम है. राजस्व की बढ़ोतरी को लेकर राज्य में नई शराब नीति लाई गई थी लेकिन राज्य भर में जो राजस्व का नुकसान हुआ है उससे सरकारी शराब नीति फेल होती दिख रही है. इन सबके बीच शराब कारोबारी पुरानी नीति को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसी बीच नई शराब नीति के तहत एग्रीमेंट कराने वाले होलसेल और मैन पावर से संबंधित एजेंसियों द्वारा समझौते करने पर झारखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.


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उत्पाद मंत्री जगन्नाथ महतो ने कही ये बात


उत्पाद मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि नई शराब नीति के तहत एग्रीमेंट कराने वाले होलसेल और मैन पावर से संबंधित एजेंसियों द्वारा समझौते का अनुपालन नहीं किया जा रहा है इसीलिए उनकी सिक्योरिटी मनी जब्त कर ली गई है. इसके बाद अब फिर से उनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. 


मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि एग्रीमेंट के तहत काम नहीं होने की वजह से राजस्व भी प्रभावित हो रहा है इसीलिए उन्होंने मैनपावर एजेंसियों और होलसेल एजेंसियों को चेतावनी दी है कि वह एग्रीमेंट के अनुसार काम करें.


गौरतलब है कि नहीं शराब नीति लागू होने के बाद अप्रैल से नवंबर तक सोलह सौ करोड़ का उत्पाद राजस्व का लक्ष्य था, लेकिन इससे करीब 516 करोड़ रुपए कम की ही वसूली हुई है. अब तक के गणित के मुताबिक कम से कम 350 करोड़ों रुपए का राजस्व कम नजर आ रहा है. इस कमी पर राज्यपाल ने भी उत्पाद विधेयक लौट आते हुए राज्य सरकार पर टिप्पणी की थी.