Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की वर्ष 2021 की नियुक्ति नियमावली को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने का फैसला किया है. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ये फैसला सुनाया है. इसके अलावा उन्होंने इसे  संविधान की मूल भावना और समानता के अधिकार के खिलाफ भी बताया है. झारखंड हाईकोर्ट के फैसले का भाजपा के विधायक अमित मंडल ने स्वागत किया है और हेमंत सरकार पर हमला बोला है. 


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विधायक अमित मंडल ने साधा निशाना 


भाजपा पार्टी के विधायक अमित मंडल ने कहा कि नियोजन नीति को लेकर मैंने 1 साल पहले ही कहा था कि नियोजन नीति टिकेगी नहीं. इस मामले को लेकर मैंने विधानसभा और विधानसभा के बाहर दोनों में आवाज रखी थी. यह आर्टिकल 2016 का घोर उल्लंघन है. सरकार को नौकरी देना नहीं है और इसलिए इतने बार विधानसभा में सवाल उठाने के बावजूद यह सरकार ऐसी स्थिति आई है कि नियोजन नीति को रद्द कर दिया गया. इसका मतलब यह हुआ कि आने वाले दिनों में जो सरकार 5 लाख नौकरियां की सपना दिखा रही थी, अब सरकार कहेगी की नीति ही रद्द हो गई, हम लोग क्या कर सकते हैं. जानबूझकर सरकार यह सब कर रही है. सोची समझी साजिश के तहत सरकार यह काम कर रही है. सरकार का एजेंडा नहीं है नौकरी देना. 


विधायक लंबोदर महतो ने भी कही ये बात


आजसू पार्टी विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि पूर्व में भी हम लोगों ने वर्तमान सरकार को नियोजन नीति के तहत ध्यान आकृष्ट कराया था. सदन में कई मामलों में ध्यान आकृष्ट कराया गया था, जो आपकी यह नीति है वह शिक्षित बेरोजगार जो झारखंड में रहते हैं उनके लिए विपरीत है, इस पर विचार कीजिए, सिर्फ 11, 12 का बात ना करें. निश्चित रूप से सरकार ने कई चीजों को अनदेखा करते हुए जानबूझकर इस तरह का फैसला लिया है. इसी तरह 1932 खतियान नीति और ओबीसी आरक्षण ढोल पीट रही है इसमें भी हम लोगों ने सदन में जो खामियां हैं सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था, सरकार अनदेखी कर रही है.