Mukhyamantri Sukhad Rahat Yojana: मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना पर प्रशासन की कसने लगी लगाम, जानें कैसे मिले योजना का लाभ
16 दिसंबर तक गढ़वा जिले में कुल 177195 लोगों ने मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ लेने के लिए अपना आवेदन किया था, लेकिन प्रशासनिक सुस्त गति के कारण अभी तक मात्र 3176 किसानों के भूमि संबंधी दस्तावेज का सत्यापन हो पाया है.
रांची: Mukhyamantri Sukhad Rahat Yojana: झारखंड सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना की शुरुआत की थी. शुरूआती दिनों में योजना पर लोग बढ़ चढ़कर पंजीकरण करवा रहे थे. लेकिन प्रशासनिक सुस्ती की वजह से गढ़वा जिले के किसानों को राशि मिलने में देरी हो सकती है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की घोषणा के अनुसार हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरा होने पर 29 दिसंबर को किसानों के खाते में सूखा राहत की राशि भेजी जानी है, लेकिन धीमी रफ्तार को देखकर लगता है कि जिले के महज 10 प्रतिशत किसानों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा.
किसानों के खाते में सरकार से आएंगे 35 सौ रुपये
बता दें कि 16 दिसंबर तक गढ़वा जिले में कुल 177195 लोगों ने मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ लेने के लिए अपना आवेदन किया था, लेकिन प्रशासनिक सुस्त गति के कारण अभी तक मात्र 3176 किसानों के भूमि संबंधी दस्तावेज का सत्यापन हो पाया है. नियमानुसार अभी अनुमंडल व उपायुक्त स्तर से भी इन लोगों के भूमि संबंधी दस्तावेज का सत्यापन करना बाकी है. उसके बाद ही आवेदकों को इस योजना का लाभ मिल पाएगा. अनुमंडल व जिलास्तर से अभी तक एक भी आवेदन का सत्यापन नहीं किया जा सका है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत झारखंड के 22 जिले के 226 प्रखंडों को राज्य सरकार ने सूखा ग्रसित घोषित किया है. इसमें गढ़वा जिले के सभी प्रखंड शामिल किए गए है. बता दें कि इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रत्येक किसान के खाते में 35 सौ रुपये डालेगी
राज्य में केवल इन किसानों ने किया पंजीकरण
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत आवेदन (16 दिसंबर तक के आंकड़े के अनुसार) करने वालों में 17573 भूमिहीन कृषक हैं. साथ ही भूमिहीन कृषक दूसरे के खेत में बंटाई करते हैं. गढ़वा जिले में आवेदन करने वाले कुल 177195 किसानों में से 85967 किसान ऐसे हैं,जिन्होंने इस साल खरीफ फसल की बुआई ही नहीं की है, जबकि आवेदन के अनुसार 73655 किसानों की फसल बारिश नहीं होने की वजह से 33 प्रतिशत से ज्यादा बर्बाद हो गई है. इसके अलावा आवेदन करने वाले कुल किसानों में से 22881 के भूमि सत्यापन का कार्य राजस्व कर्मचारी स्तर से किया जा चुका है और 10783 का सत्यापन अंचल निरीक्षक (सीआई) ने कर दिया है. अब देखना है जिन किसानों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है वे सभी अपना आवेदन कैसे कर पाएंगे.
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