Ranchi: पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मोइत्रा के आरोपों पर पलटवार करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा है कि सवाल अडाणी, डिग्री या चोरी का नहीं बल्कि संसद की गरिमा और भारत की सुरक्षा का है. 


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वहीं पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में निशिकांत दुबे द्वारा भेजे गए शिकायती पत्र का जवाब देते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को पूरे मामले को गंभीर बताते हुए अपने जवाब में कहा कि जांच में लोक सभा की ऐथिक्स कमेटी के साथ एनआईसी पूरा सहयोग करेगा.


निशिकांत दुबे ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा, " सवाल संसद की गरिमा, भारत की सुरक्षा व कथित सांसद की संपदा, भ्रष्टाचार और अपराध का है. जबाब देना है कि दुबई में एनआईसी मेल खुला की नहीं? पैसे के बदले प्रश्न पूछे कि नहीं? विदेश जाने-आने का खर्च किसने उठाया? कभी लोक सभा अध्‍यक्ष व विदेश मंत्रालय से विदेश जाने की अनुमति ली या नहीं? सवाल अडाणी, डिग्री या चोरी का नहीं, देश को गुमराह कर आपके भ्रष्टाचार का है."


उल्‍लेखनीय है कि तृणमूल सांसद के खिलाफ शिकायत करने वाले निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई गुरुवार 26 अक्टूबर को लोक सभा की ऐथिक्स कमेटी के सामने पेश होंगे जहां वे मामले में सारे सबूत और साक्ष्य रखेंगे.


निशिकांत दुबे ने वैष्णव के जवाबी पत्र को मंगलवार को शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा था, "एक सांसद के लोभ ने देश की सुरक्षा को ख़तरे में डाल दिया. रावण दहन व दुर्गा माता के कलश व विसर्जन के बाद धर्म युद्ध की शुरुआत. यह राजनीति से ऊपर, पक्ष-विपक्ष का नहीं देश की सुरक्षा, अखंडता का सवाल है."


(इनपुट आईएएनएस के साथ)