लातेहार : प्रतिदिन 2 हजार टन कोयले का उत्पादन करने वाला सिकनी कोलियरी. यहां मजदूरों को सुविधा के नाम कुछ भी नहीं मिल रहा है. सरकार ने यहां के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए 90 के दशक में सिकनी कोलियरी का शुभारंभ किया था, ताकि लोगों की जीविका चल सके. 


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कोलियरी में काम करनेवाले मजदूरों को नहीं मिलती कोई सुविधा
कोलियरी प्रबन्धक की लापरवाही के कारण आज तक इस क्षेत्र में न तो हॉस्पिटल, स्कूल यहां तक कि कोलियरी में काम करने वाले मजदूरों को भी कोई सुविधा प्रदान नहीं की जाती है. इस कोलियरी में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा के नाम पर टोकरी, गैता, जूता, टोपी हेमलेट की भी व्यवस्था नहीं दी गई है. मजदूरी टोकरी को ही सर पर हेमलेट बनाकर कोलियरी में काम करते हैं. 


मजदूरों को दुर्घटना की स्थिति में इलाज की सुविधा भी नहीं 
ज्ञात हो कोलियरी में काम करने वाले मजदूरों के साथ आए दिन दुर्घटना होते रहती है. ऐसे में मजदूरों का इलाज भगवान भरोसे ही होता है. वहीं इस कोलियरी में एक रैकेट काम कर रहा है जो मजदूरों के नाम पर अवैध वसूली का का काम करता है. वहीं मजदूरों की मानें तो प्रबन्धक के द्वारा सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता है. हमलोग बार-बार कोलियरी प्रबन्धक से सुविधा प्रदान को लेकर गुहार लगाते हैं लेकिन महज आश्वासन के सिवा कुछ भी नसीब नहीं होता. 


वहीं इसको लेकर राजद नेता की बात मानें तो कोलियरी प्रबन्धक के द्वारा मजदूरों को कोई सुविधा नहीं दी जाती है. यहां तक कोलियरी के अंदर न तो सड़क है और न ही मजदूरों को पीने के पानी की व्यवस्था है. यहां तक कोलियरी मजदूरों के नाम पर अवैध वसूली का अड्डा बन चुका है. मैं मजदूरों की समस्या को सरकार तक पहुंचाऊंगा. 


वहीं इस मामले में जब कोलियरी के प्रबन्धक से पूछा तो उन्होंने कहा की मजदूरों की हर सुविधा दी जाती है, साथ ही इस कोलियरी में कोई अवैध वसूली नहीं की जाती. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में जिस तरह प्रबन्धक मजदूरों को छलने का काम कर रहे हैं ऐसे में अगर इस मामले को गम्भीरता से जांच की जाए तो कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो सकते हैं. 
(रिपोर्ट- संजीव)


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