Ranchi: आयकर विभाग ने शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों प्रदीप यादव तथा जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के रांची, गोड्डा, पटना समेत अन्य स्थानों पर स्थित परिसर और कई कोयला कारोबारियों के परिसर पर एकसाथ छापेमारी की. अंतिम जानकारी मिलने तक छापेमारी जारी है. छापेमारी के साथ ही राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी और सत्ताधारी कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे राज्य सरकार को अस्थिर करने और उसे गिराने की साजिश के लिए की गयी कार्रवाई करार दिया. 


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इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूछा कि सत्ताधारी पार्टी को जांच से परहेज क्यों है? आयकर विभाग झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में शामिल हुए पोड़ैया हाट के विधायक प्रदीप यादव और बेरमो से कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के रांची, गोड्डा और पटना स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी. 


कांग्रेस ने बोला हमला


आयकर छापेमारी पर कांग्रेस ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे राज्य सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश का हिस्सा बताया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर एवं कार्यकारी अध्यक्ष बंधू तिर्की ने आज की आयकर की छापेमारी को बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, ‘‘हम किसी से डरने वाले या झुकने वाले नहीं हैं चाहे कितने भी छापे पड़ जायें.’’ 


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अस्थिर करने और गिराने का काम किस प्रकार किया जा रहा है, सभी देख रहे हैं. राजेश ठाकुर ने कहा, ‘‘ जिस प्रकार सिर्फ गैर भाजपा शासित राज्यों को निशाना बनाया जा रहा है यह कहीं से भी उचित नहीं है. लेकिन जनता सब देख रही है और इसका परिणाम भाजपा को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा.’’ 


दूसरी ओर विधायक अनूप सिंह ने कहा कि वह छापेमारी में आयकर विभाग को पूरा सहयोग दे रहे हैं, लेकिन यह कार्रवाई उन्हें सिर्फ डराने के लिए की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि कहा कि अगस्त में उन्होंने अपनी ही पार्टी के तीन विधायकों के पचास लाख रुपये की नकदी के साथ कोलकाता में गिरफ्तार होने के बाद रांची में उनके खिलाफ राज्य की हेमंत सरकार को गिराने की साजिश की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 


बाबूलाल मरांडी ने किया पलटवार


दूसरी ओर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने गुजरात दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का सामना किया और उफ तक नहीं किया, तो आज जब केन्द्रीय एजेंसियां अपना कानूनी दायित्व निभाती हैं तो विपक्षी कांग्रेस और झामुमो इतना शोर क्यों मचाते हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि जो गलत होता है अक्सर वहीं इस तरह से जांच पर हाय-तौबा मचाता है.


(इनपुट: भाषा के साथ)