Jharkhand News: हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में गूंजी ‘रागी क्रांति, जानें कैसे बदल दी एक जिलें की कहानी
झारखंड के सुशांत गौरव को गुमला में किए गए उनके कार्य को लेकर ‘लोक प्रशासन में प्रधानमंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार’ के लिए चयनित किया गया है. यह पुरस्कार उनको दिल्ली में दिया जाएगा.
गुमला: झारखंड के सुशांत गौरव को गुमला में किए गए उनके कार्य को लेकर ‘लोक प्रशासन में प्रधानमंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार’ के लिए चयनित किया गया है. यह पुरस्कार उनको दिल्ली में दिया जाएगा. सुशांत गौरव की इस पहल ने वन आच्छादित जिले में एक नए कृषि-उद्योग को बढ़ावा दिया है.
सुशांत गौरव बता दें कि गुमला को पूर्वी भारत में रागी (मडुआ) की राजधानी बनाना चाहते हैं. उन्होंने शुरुआती दिनों में 16 सौ एकड़ में रागी की खेती की, जो अब बढ़कर 36 सौ एकड़ हो गई. इनकी मेहनत से शुद्ध मुनाफा 3 सौ प्रतिशत बढ़ा है. उन्होंने बताया कि हमने एक रागी खरीद केंद्र स्थापित किया है यह झारखंड में मात्र पहला ऐसा केंद्र है. रागी से बने लड्डू, भुजिया और आटा का उत्पादन किया जा रहा है जो कुपोषण व एनीमिया से लड़ने में मददगार है.
उन्होंने कहा कि इस केंद्र का संचालन महिलाएं करती है. इस पहले से महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. इस केंद्र में रोजाना एक टन रागी का आटा, 3 सौ पैकेट रागी के लड्डू और दो सौ पैकेट रागी के नमकीन को बनाने का काम किया जाता है. हमारे लिए अच्छी बात यह है कि इस बार भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय के तहत महात्मा गांधी नेशनल फेलो की तरफ से हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक ‘केस स्टडी प्रेजेंटेशन’ दिया.
भारत के इस प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला. मोटा अनाज छोटे बीज वाले पादपों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य शब्द है जिसे अक्सर पोषक-अनाज या शुष्क भूमि-अनाज कहा जाता है और इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, काकुन, चीना, सावा और कोदो शामिल हैं.
(इनपुट - भाषा)