Ranchi: झारखंड में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. ऐसे में झारखंड सरकार ने लॉकडाउन लगाया हुआ है. हालांकि, इसे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया गया है. लेकिन अब संक्रमण की चेन को पूरी तरह से तोड़ने के लिए झारखंड सरकार संपूर्ण लॉकडाउन की तरफ कदम बढ़ा सकती है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रविवार को ऐसे संकेत दिए हैं.


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पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 'स्थिति को देखते हुए कई राज्यों ने लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया है, झारखंड में भी कठोर दौर के लिए तैयार होना पड़ेगा.'


महासचिव सुप्रियो ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर असहयोग का वातावरण ऐसे ही बना रहता है तो परेशानी और बढ़ेगी. तीसरी लहर बहुत खतरनाक होगी, केंद्र के मिस मैनेजमेंट के कारण मौत की संख्या बढ़ेगी और अगर ऐसा हुआ तो केंद्र सरकार ही इस राष्ट्रीय तबाही के लिए जिम्मेदार होगी.


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उन्होंने आगे कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर का असर गांवों तक पहुंच जाता है तो स्थिति विस्फोटक हो जाएगी. हमें इस संकट की घड़ी से उभरने के लिए खुद को सावधान करना होगा. महामारी को देखते हुए हर दिन 100-150 बेड बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन मरीज दिन प्रतिदिन उससे ज्यादा होते जा रहे हैं. ऐसे में यह झारखंड के लिए यह एक चुनौती है क्योंकि संसाधन कम हैं.